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आपदा में महिलाओं को बना रहीं आत्मनिर्भर, प्रयागराज में शालिनी गुप्ता महिलाओं को जोड़ रहींं स्वरोजगार से

मोना देवी के पति मोहन दिल्ली में निजी कंपनी में कार्यरत थे।लाकडाउन लगने पर अप्रैल 2020 में पति की नौकरी छूट गई थी। जानकारी मिलने पर शालिनी गुप्ता ने मोना को सिलाई मशीन दिलाकर सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण दिलाया। ब मोना कपड़े सिलकर प्रतिमाह चार-पांच हजार रुपये कमा लेती हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 07:00 AM (IST)
आपदा में महिलाओं को बना रहीं आत्मनिर्भर, प्रयागराज में शालिनी गुप्ता महिलाओं को जोड़ रहींं स्वरोजगार से
मौजूदा समय 35 महिलाओं को जोड़कर बच्चों के कपड़े बनवाकर दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में बेचती हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। शहर में कीडगंज कृष्णनगर निवासी मोना देवी के पति मोहन दिल्ली में निजी कंपनी में कार्यरत थे।लाकडाउन लगने पर अप्रैल 2020 में पति की नौकरी छूट गई थी।  जानकारी मिलने पर शालिनी गुप्ता ने मोना को सिलाई मशीन दिलाकर सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण दिलाया। अब मोना बच्चों का कपड़े सिलकर प्रतिमाह चार-पांच हजार रुपये कमा लेती हैं। इसी प्रकार ट्रांसपोर्ट निवासी महक के पति धर्मेंद्र जून 2020 में कोरोना संक्रमण से पीडि़त हो गए। निजी संस्थान से उनकी नौकरी भी छूट गई। शालिनी ने धर्मेंद्र के इलाज का खर्च उठाया। महक को सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण दिलाकर स्वरोजगार से जोड़ा।

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गरीबों की हर संभव मदद करने को प्रयासरत

मोना व महक की तरह दर्जनभर से अधिक महिलाएं हैं, जिनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। कोरोना काल में किसी के पति की नौकरी छूट गई, किसी को रोजगार बंद करना पड़ा। समाजसेविका शालिनी गुप्ता ने ऐसे घर की महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई, पेंटिंग का प्रशिक्षण दिलाया, उन्हें सिलाई मशीन, कपड़े सहित जरूरी संसाधन मुहैया कराकर खुद के पैरों पर खड़ा करने में अतुलनीय योगदान दिया है। महिलाओं को जोडऩे के लिए प्लम क्राफ्ट नामक संस्था बनाया। मौजूदा समय 35 महिलाओं को जोड़कर बच्चों के कपड़े बनवाकर दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में बेचती हैं। उन्हीं पैसों से महिलाओं का घर चलता है। 'जनसेवा ही प्रभु प्राप्ति का मार्ग के मूलमंत्र को जीवन में आत्मसात करने वाली शालिनी कहती हैं कि हर गरीब व असहाय में उन्हें ईश्वर की छवि नजर आती है। यही कारण है कि गरीबों की हर संभव मदद करने को प्रयासरत हैं।

 टीकाकरण की चला रहीं मुहिम

मलिन बस्ती व मध्यम वर्ग के लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए शालिनी मास्क व सैनिटाइजर का प्रतिदिन वितरण करती हैं। कहीं किसी बीमार की जानकारी मिलने पर उसे अस्पताल पहुंचाकर इलाज सुनिश्चित करवाती हैं। जबकि, जो बुजुर्गों अकेले हैं अथवा साधनहीन हैं उन्हें कोरोना का टीकाकरण लगवाने के लिए अपने साधन से मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज ले जाती हैं।


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