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क्या आपको पता है, आजादी की जंग में क्रांतिकारियों का साथ देने पर सात अंग्रेज भी हुए थे गिरफ्तार

इतिहासकारों को छोड़ दिया जाए तो शायद ही किसी को पता होगा कि आजादी की जंग के दौरान क्रांतिकारियों का साथ देने पर ब्रिटिश हुकूमत ने सात अंग्रेजों को भी गिरफ्तार कर नैनी जेल में बंद कर दिया था।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 03:30 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 03:30 PM (IST)
क्या आपको पता है, आजादी की जंग में क्रांतिकारियों का साथ देने पर सात अंग्रेज भी हुए थे गिरफ्तार
प्रो.तिवारी बताते हैं कि जेल में मौजूद दस्तावेज एवं शिलालेख सात अंग्रेजों के यहां रखे जाने की गवाही देता है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज भी आजादी के आंदोलन में क्रांतिकारियों का केंद्र रहा था। यहां के नैनी जेल में आजादी के आंदोलन में भाग लेने वालों को गिरफ्तार करके लाया जाता था। सैकड़ों क्रांतिकारी इस जेल में बंद रहे। इस जेल का निर्माण अंग्रेजों ने ही कराया था। उस समय इसे कैदखाना कहा जाता था। इतिहासकारों को छोड़ दिया जाए तो शायद ही किसी को पता होगा कि आजादी की जंग के दौरान क्रांतिकारियों का साथ देने पर ब्रिटिश हुकूमत ने सात अंग्रेजों को भी गिरफ्तार कर नैनी जेल में बंद कर दिया था।

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अंग्रेजों को वंदेमातरम गीत गाने पर मिली थी सजा

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.योगेश्वर तिवारी बताते हैं कि आजादी की लड़ाई के दौरान कई दिलचस्प घटनाएं हुई थीं। उनमें एक घटना कुछ अंग्रेजों का क्रांतिकारियों का साथ निभाना था। इन अंग्रेजों ने आजादी के मतवालों के साथ वंदेमातरम गीत गाया था। ब्रिटिश हुकूमत ने इसे बगावत माना।  वंदेमातरम गीत गाने वाले सात अंग्रेजों बेंजामिन फ्रांसिस, फिलिप स्मार्ट, एलसी लैडली, डगलैस्टर, आइआर डायमंड, पीएच हॉल्डन और जार्ज हेरॉल्ड को गिरफ्तार कर नैनी जेल में बंद कर दिया गया था। आम भारतीय कैदियों की तरह इन्हें भी प्रताडि़त किया गया था। इन्हें बहुत परेशान किया गया था। यातनाएं दी गई थीं। हालांकि इन अंग्रेजों को कुछ दिन बाद रिहा कर दिया गया था। प्रो.तिवारी बताते हैं कि जेल में मौजूद दस्तावेज एवं एक शिलालेख सात अंग्रेजों के यहां रखे जाने की गवाही देता है।

काकोरी कांड के नायकों को भी रखा गया था

प्रो.तिवारी बताते हैं कि नैनी जेल में नरम एवं गरम दल के कई बड़े नेताओं को रखा गया था। जवाहर लाल नेहरू पहले राजनीतिक बंद कैदी थे तो काकोरी कांड के नायक राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खां एवं रोशन सिंह को भी नैनी जेल में ही रखा गया था। ऐसे ही तमाम लोग थे जिन्हें अंग्रेज यहां लाते थे और बंद करके यातनाएं देते थे। यातनाओं के बावजूद नैनी जेल क्रांतिकारियों के वंदेमातरम की आवाज से गूंजता था।


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