Fight Against Coronavirus : यहां आइए...महज आठ सेकेंड में शरीर को सैनिटाइज करिए Prayagraj News
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में आइईआरटी के इंडस्ट्रियल एंड प्रोडक्शन विभाग में लगा सेंसरयुक्त सैनिटाइजेशन टनल यहां आने वाले लोगों को सिर्फ आठ मिनट में सैनिटाइज कर रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना...कोरोना वायरस... और कोरोना वायरस...। हर ओर यही तो चर्चा है। हर ओर यही बीमारी का अधिक बोलबाला है। हर व्यक्ति इसके संक्रमण से बचने के लिए जतन कर रहा है। केंद्र और राज्य सरकार भी संक्रमण को रोकने के लिए गाइडलाइन जारी की है। ऐसे में लोग और संस्थाएं भी इससे बचने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में प्रयागराज के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड रूरल टेक्नोलॉजी (आईईआरटी) में भी पहल की है।
कोरोना से बचाव ही सबसे अहम कदम
कोरोना वायरस का संक्रमण अब तेजी से पांव पसार रहा है। अब तक किसी तरह की वैक्सीन तैयार नहीं हो सकी है लेकिन जिंदगी तो चलनी ही है, इसलिए एहतियात पर जोर दिया जा रहा है। बचाव ही सबसे अहम कदम माना जा रहा है। शारीरिक दूरी तो कारगर विधा है ही, सैनिटाइजेशन भी अहम हो चला है।
आइईआरटी में सेंसर युक्त सैनिटाइजेशन टनल कर रहा बचाव
आइईआरटी में डिग्री डिवीजन के इंडस्ट्रियल एंड प्रोडक्शन विभाग ने सेंसर युक्त सैनिटाइजेशन टनल तैयार किया है। संस्थान के मुख्य द्वार पर लगे इस टनल से जैसे ही लोग जाते हैैं, महज आठ सेकेंड में लोगों का शरीर सैनिटाइज हो जाता हैै।
नोजल से सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिड़काव होने लगता है
आइईआरटी में जहां सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी पढ़ते हैैं, वहां इसी क्रम में टनल के जरिए सैनिटाइजेशन की बात सोची गई। लगभग 15 दिनों के प्रयास में इंडस्ट्रियल एंड प्रोडक्शन विभाग में बीटेक चतुर्थ वर्ष के छात्रों ने यह सेंसरयुक्त सैनिटाइजेशन टनल तैयार कर लिया। इसकी खासियत यह है कि इसमें ऑटोमेटिक सेंसर लगा है। जैसे ही कोई व्यक्ति प्रवेश करता है, नोजल से सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिड़काव होने लगता है।
सैनिटाइजेशन टनल की लागत है सिर्फ छह हजार रुपये
दिलचस्प यह है कि इस टनल को बनाने की लागत महज छह हजार रुपये आई है। दावा यह है कि टनल सिर्फ आठ सेकेंड में पूरे शरीर को सैनिटाइज कर देता है। जैसे ही व्यक्ति टनल के बाहर निकलता है, सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया बंद हो जाती है।
बोले, आइईआरटी के निदेशक
आइईआरटी के निदेशक डॉ. विमल मिश्र के मुताबिक इस टनल का पहला मॉडल फिलहाल संस्थान के मुख्य द्वार पर लगा दिया गया है। इससे कपड़े, हाथ-पैर आदि वायरस मुक्त किए जा सकते हैं। वह कहते हैैं कि ऐसे टनल बस स्टैैंड, रेलवे स्टेशनों पर बनाए जा सकते हैैं।
टीम में ये रहे शामिल
संस्थान के निदेशक के मुताबिक टनल तैयार करने में बीटेक चतुर्थ वर्ष के छात्र विवेक यादव, आशीष कुमार, प्रदीप सिंह, राज किरन, सुलभ गंगवार, आनंद चौबे, सुमित कुमार कुशवाहा और कृष्ण कुमार इत्यादि ने बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी की। इसके सफल परीक्षण से लोग उत्साहित हैैं। संस्थाओं की मांग पर ऐसे और टनल बनाए जा सकते हैैं।
एहतियात के साथ हो रहा काम
संस्थान में इन दिनों आमतौर पर विद्यार्थी नहीं हैैं लेकिन प्रशासनिक कामकाज हो रहा है। शिक्षक और अन्य कर्मचारी नियमित तौर पर आ रहे हैैं। टनल से उनकी चिंता बहुत हद तक दूर हो गई है। अब तक इस संस्थान का कोई भी कर्मी अथवा विद्यार्थी कोरोना संक्रमित नहीं हुआ है।