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प्रयागराज से जुड़ा है सेंगोल का रोचक इतिहास, 1954 में लाया गया था संग्रहालय; अब नई संसद की बढ़ाएगा शान

राजधानी दिल्ली में बने नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा शान सेंगोल बढ़ाएगा। इसका रोचक इतिहास प्रयागराज से जुड़ा हुआ है। डा. काला ने पं. जवाहर लाल नेहरू के व्यक्तिगत संग्रहालय में रखे सेंगोल को इलाहाबाद संग्रहालय लाने की कोशिश की और वह 1954 में सफल हुए।

By Abhishek PandeyEdited By: Abhishek PandeyThu, 25 May 2023 05:31 PM (IST)
प्रयागराज से जुड़ा है सेंगोल का रोचक इतिहास, 1954 में लाया गया था संग्रहालय; अब नई संसद की बढ़ाएगा शान
प्रयागराज से जुड़ा है सेंगोल का रोचक इतिहास, 1954 में लाया गया था संग्रहालय; अब नई संसद की बढ़ाएगा शान

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : राजधानी दिल्ली में बने नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा का विशेष संबंध प्रयागराज से भी होने जा रहा है। इस भवन में भारत का वह सेंगोल भी रखा जाएगा, जो देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू से उनकी व्यक्तिगत संग्रहीत वस्तुओं के साथ इलाहाबाद संग्रहालय को प्राप्त हुआ था।

संग्रहालय की नेहरू वीथिका में दशकों तक यह सेंगोल पर्यटकों को आकर्षित करता रहा। नए संसद भवन में इसे स्थापित किए जाने के उच्च स्तरीय निर्णय के बाद सात माह पहले यानी चार नवंबर 2022 को इसे कड़ी सुरक्षा के बीच नेशनल म्यूजियम दिल्ली भेज दिया गया था।

1954 में इलाहाबाद संग्रहालय लाया गया था संगोल

वर्ष 1942 में इलाहाबाद संग्रहालय के प्रथम क्यूरेटर के रूप में तैनात किए गए डा. सतीश चंद्र काला के प्रयास को लोग आज भी याद करते हैं। नेहरू वीथिका के क्यूरेटर डा. वामन वानखेड़े बताते हैं कि डा. काला ने ही पं. जवाहर लाल नेहरू के व्यक्तिगत संग्रहालय में रखे सेंगोल को इलाहाबाद संग्रहालय लाने की कोशिश की और वह 1954 में सफल हुए।

15 सितंबर 2022 को इलाहाबाद संग्रहालय की चेयरपर्सन और उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने निर्देश दिया था कि इस ऐतिहासिक छड़ी (सेंगोल) को दिल्ली संग्रहालय भेजने की व्यवस्था की जाए। इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक राजेश प्रसाद ने बताया कि उनके यहां संग्रह में यह राजदंड रखा हुआ था, जिसे नवंबर 2022 में नेशनल म्यूजियम दिल्ली को सौंप दिया गया था।

यह काफी खुशी की बात है कि नए संसद भवन में इलाहाबाद संग्रहालय से भेजे गए राजदंड को भी स्थापित किया जाएगा।