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माघ मेला में सेवा भाव के साथ मुस्तैद रहे सुरक्षा बल, बुजुर्गों की सहायता की Prayagraj News

माघी पूर्णिमा का स्‍नान सकुशल संपन्‍न हो चुका है। इसके साथ ही एक माह का कल्‍पवास भी समाप्‍त हुआ। माघ में सुरक्षा बल मुस्‍तैद तो रहे ही स्‍नार्ना‍थियों की सहायता भी की।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 04:53 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 04:53 PM (IST)
माघ मेला में सेवा भाव के साथ मुस्तैद रहे सुरक्षा बल, बुजुर्गों की सहायता की Prayagraj News
माघ मेला में सेवा भाव के साथ मुस्तैद रहे सुरक्षा बल, बुजुर्गों की सहायता की Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। माघी पूर्णिमा स्नान पर्व पर सुरक्षा व्यवस्था चौकस रही। सीसीटीवी कैमरों और हवा में उड़ते ड्रोन से पूरे मेला क्षेत्र में निगरानी होती रही। पुलिस कर्मियों ने सेवा भाव के साथ ड्यूटी की। पुलिस कर्मियों ने संगम समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर बुजुर्गों की सहायता की। उन्हें रास्ता भी पार कराया।

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स्नान सकुशल संपन्न होने पर पुलिस अफसरों ने ली राहत की सांस

माघ मेला के छह स्नान पर्व में पांच प्रमुख होते हैैं। अंतिम स्नान पर्व महाशिïवरात्रि है। आमतौर पर माघी पूर्णिमा के साथ ही कल्पवासियों के विदा होने पर मेले से भीड़ कम हो जाती है। रविवार को माघी पूर्णिमा के संपन्न होने पर पुलिस अफसरों ने राहत की सांस ली है। तकरीबन डेढ़ महीने से पुलिस अधिकारी मेले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए रात दिन सक्रिय रहे। रविवार को भी माघी पूर्णिमा पर एडीजी जोन प्रेम प्रकाश और आइजी रेंज केपी सिंह भी एसपी मेला आशुतोष मिश्र के साथ भ्रमण करते रहे। संगम समेत अन्य घाटों पर भी व्यवस्था का जायजा लिया।

रैपिड एक्‍शन फोर्स व एटीएस के कमांडो ने भी संभाली थी कमान

सुरक्षा के लिहाज से रैपिड एक्शन फोर्स और एटीएस के कमांडों भी मेले में पैदल गश्त करते रहे। एंटी सबोटाज चेक टीम और बम डिस्पोजल स्कवायड भी लगातर चेकिंग करती रहीं। मेले के वाच टावर से दूरबीन के जरिए निगरानी होती रही।

कल्पवास पूरा होने पर प्रशासन कार्यालय में हुई कथा

माघ मेला 2020 के सकुशल संपन्न होने पर रविवार को  त्रिवेणी रोड स्थित प्रयागराज मेला प्राधिकरण के शिविर कार्यालय में सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन किया गया। मेलाधिकारी रजनीश मिश्र ने पत्नी विधि मिश्रा के साथ पूरे विधि-विधान से भगवान की कथा का श्रवण करते हुए प्रसाद ग्रहण किया। मेला प्रशासन से जुड़े अन्य अधिकारियों ने भी कथा श्रवण किया। माघी पूर्णिमा का स्नान कल्पवासियों के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन कल्पवासी संगम में स्नान कर अपना विधि-विधान से कल्पवास का संकल्प पूर्ण करते हैं।


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