रंगपर्व होली का त्योहार बीता, अब घर लौटने को मारामारी
दिल्ली और मुंबई जाने वाली ट्रेनों में तो सीट ही नहीं मिल पा रही है। हर रूट की बसें भी खचाखच भरकर जा रही हैं। होली के बाद सभी को काम-धंधे व नौकरी पर जाने की जल्दी जो है।
प्रयागराज : होली का पर्व बीतने के बाद लोगों ने वापसी की राह पकड़ ली है। नौकरी पेशा वाले लोग अपने गांवों व शहर से वापस जा रहे हैं। इसके चलते ट्रेन व बसों में भीड़ बढ़ गई है। सबसे अधिक भीड़ दिल्ली व मुंबई की ट्रेनों में है। जबकि आसपास के जिले वालों की भीड़ बसों से गंतव्य तक जा रही है। इसके चलते ट्रेनों व बसों में पांव रखने तक की जगह नहीं रही।
ट्रेनों में पैर रखने की जगह नहीं
प्रयागराज एक्सप्रेस के स्लीपर व एसी तृतीय कोच के शौचालय तक में शुक्रवार की रात यात्री भरे रहे। जबकि स्लीपर बोगी में पांव रखने की जगह नही थी। ट्रेन की हर बोगी की फर्श पर बैठकर लोगों ने सफर किया। ऐसे ही शिवगंगा एक्सप्रेस, दिल्ली दूरंतो, महानगरी एक्सप्रेस, मुंबई दूरंतो, कामायनी, मुरी, संगम एक्सप्रेस, रीवा एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र मेल सहित हर ट्रेन यात्रियों से खचाखच भरी रहीं। यही हाल शनिवार को भी जाने वाली ट्रेनों में रहा। सभी को अपने काम-धंधे और नौकरी पर जाने की जल्दी है।
बस अड्डाें पर भी उमड़ी भीड़, भरी बसें गंतव्य को रवाना हो रहीं
रेलवे स्टेशन की तरह बस अड्डा का हाल भी बुरा था। शुक्रवार की रात से सिविल लाइंस व जीरो रोड बस अड्डे पर यात्रियों की भीड़ बढऩे लगी। बस पकडऩे के लिए यात्री देर रात तक बस अड्डा आते रहे। होली के चलते बसों का परिचालन कम हुआ। इससे जो बसें चलीं उसमें जरूरत से अधिक भीड़ रही। कौशांबी, प्रतापगढ़, जौनपुर, चित्रकूट व बांदा की ओर जाने एवं आने वाली बसों में भीड़ काफी अधिक रही। इससे महिला व बच्चों को ज्यादा दिक्कत झेलनी पड़ी। उन्हें जो बस मिली उसी में सवार हो गए, सीट न मिलने के चलते अधिकतर लोग खड़े होकर गंतव्य तक गए।