मंडी शुल्क चोरी करने वाले व्यापारियों पर कसेगा शिकंजा
ऐसे व्यापारियों पर शिकंजा कसा जाएगा, जो मंडी शुल्क चोरी कर रहे हैं। मंडी निदेशक ने सचिव को पत्र भेजकर नाराजगी जताई है।
प्रयागराज : धान की खरीद जारी है। शासन की मंशा को फेल करने के लिए व्यापारी भी सक्रिय हो गए हैं। वह किसानों का धान कम दाम में लेकर उसे मनचाहे दाम पर गैर प्रांतों में भेज रहे हैं। मंडी शुल्क चोरी करने वाले ऐसे व्यापारियों पर शिकंजा कसने के लिए प्रतापगढ़ के मंडी निदेशक ने प्रभारी मंडी सचिव को पत्र भेजकर टीम गठित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। निदेशक का पत्र आते ही समिति ने अवैध तरीके से व्यापार करने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई करने के लिए टीम लगा दी है।
जिले भर में 631 लाइसेंसी व्यापारी हैं। इसमें इसमें अनाज, आरा मशीन, सब्जी, आंवला आदि के व्यापारी शामिल हैं। करीब 200 ऐसे व्यापारी हैं जो धान व गेहूं का व्यापार करते हैं। कई व्यापारी ऐसे हैं जो किसानों का धान खरीदने के मंडी शुल्क चोरी करके व्यापार कर रहे हैं। बिक्री प्रपत्र की रसीद नहीं कटाते हैं। ऐसे व्यापारियों पर विभाग नजर जमाए हुए है। व्यापारियों के मंसूबे पर पानी फेरने के लिए छापेमारी की तैयारी चल रही है।
ढाई फीसद टैक्स जरूरी :
किसानों से धान व गेहूं खरीदने के बाद व्यापारी को वैल्यू का ढाई फीसद टैक्स मंडी समिति में जमा होता है। इसके बाद उन्हें मंडी शुल्क जमा करने की रसीद दी जाती है। इसके बाद ही वह जनपद व अन्य जनपदों में अनाज भेज सकते हैं। अधिकांश व्यापारी ऐसा नहीं करते हैं। पकड़े जाने पर उनसे पूरा टैक्स जोड़कर पैसा वसूला जाता है।
6.20 करोड़ वसूली का लक्ष्य :
मंडी शुल्क चोरी में कार्रवाई कर समन शुल्क वसूलने का हर साल लक्ष्य निर्धारित किया जाता है। इस बार पूरे साल भर में 6.20 करोड़ रुपये जुर्माना कर वसूलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हालांकि समिति का दावा है कि लक्ष्य से अधिक शुल्क वसूला जा चुका है। आगे भी इसे वसूला जाएगा।
मंडी शुल्क चोरी करने वाले व्यापारियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। अफसरों के निर्देशों का अनुपालन कराया जा रहा है। अवैध तरीके से व्यापार करने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई करने के लिए मंडी इंस्पेक्टरों को कहा गया है।
-अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रभारी मंडी सचिव।