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Sawan Somvar 2020 : अंतिम सोमवार आज, दुर्लभ संयोग में भगवान शिव की आराधना कर रहे भक्‍त Prayagraj News

Sawan Somvar 2020 कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर में एक बार में निर्धारित संख्‍या में ही भक्‍तों को प्रवेश दिया जा रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 11:04 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 04:36 PM (IST)
Sawan Somvar 2020 : अंतिम सोमवार आज, दुर्लभ संयोग में भगवान शिव की आराधना कर रहे भक्‍त Prayagraj News
Sawan Somvar 2020 : अंतिम सोमवार आज, दुर्लभ संयोग में भगवान शिव की आराधना कर रहे भक्‍त Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन। ध्यान, पूजन व अनुष्ठान के जरिए भगवान शिव को रिझाने वाले श्रद्धालुओं के लिए आज का दिन काफी पवित्र है। भोलेनाथ के प्रिय महीने सावन का अंतिम सोमवार है। इस बार यह शिव साधना का दुर्लभ संयोग लेकर आया है। इसमें पूर्णिमा तिथि, उत्तराषाढ़ व श्रवण नक्षत्र व सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग है। सच्चे हृदय से शिव की स्तुति करने वालों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। सोमवार को व्रत रखने वाले पुरुषों को 'ओम नम: शिवायÓ व महिलाओं को 'नम: शिवायÓ का मन में हर समय जप करना चाहिए। अंतिम सोमवार पर मंदिराें में सुबह से भक्‍त दर्शन पूजन के लिए पहुंचने लगे। शिव मंदिरों में भक्‍तों की संख्‍या लगातार बढ रही है।

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मंदिरों में किए गए हैं विशेष प्रबंध

सावन का अंतिम सोमवार होने के कारण शिवालयों में दर्शन-पूजन के विशेष प्रबंध किए गए हैं। शिवालयों को पुष्प-पत्तियों व विद्युत झालरों से सजाया गया है। मनकामेश्वर, शिवकोटि, पंचमुखी, भोले गिरि सहित अन्य शिवालयों में महिला व पुरुष भक्तों के दर्शन के लिए अलग-अलग व्यवस्था है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पूरे परिसर का सैनिटाइजेशन कराया गया है। सुबह से ही मंदिरों में भक्‍तों के आने सिलसिला शुरू हो गया। भक्‍त विधि पूजन से भगवान शिव की आराधना कर जलाभिषेक कर रहे हैं।

 

कल्याणकारी हैं भगवान शिव

पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक व ज्‍योतिर्विद आचार्य विद्याकांत पांडेय सावन में भगवान शिव जाग्रत अवस्था में रहते हैं। माता पार्वती से उनका पुनर्मिलन इसी माह में हुआ था। इसी कारण सावन के महीने में शिव की विशेष पूजा का विधान है। शिव का अर्थ है जो कल्याणकारी हो। हालांकि शिवजी का व्यक्तित्व उनके नाम से मेल नहीं खाता। वे अपने शरीर पर चिता की राख धारण करते हैं। गले में फूल-मालाओं की जगह विषैले सर्पों को धारण करते हैं। शिव किसी का अहित नहीं करते, बल्कि भक्तों का कष्ट दूर करके उन्हेंं सुख-शांति प्रदान करते हैं।

मंदिरों में फिजिकल डिस्‍टेंसिंग का पालन हो रहा

कोरोना संक्रमण को देखते हुए शिवालयों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। मंदिरों में फिजिकल डिस्‍टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। मंदिरों के मुख्‍य द्वार पर सैनिटाइजर व थर्मल स्क्रीनिंग का प्रबंध किया गया है। मास्क लगाने वाले श्रद्धालु को ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। मनकामेश्वर, गंगोली शिवालय, शिव कचहरी शिवालय, पंचमुखी, भोले गिरि, तक्षकतीर्थ बड़ा शिवालय, मुकुंदेश्वरनाथ महादेव सहित हर शिवालय में भक्तों को दूर से दर्शन की अनुमति है। भक्‍त खुद जागरूक हैं, वह गाइडलाइन का पालन करके भगवान शिव का पूजन-अर्चन कर रहे हैं।


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