Move to Jagran APP

Sawan 2021: सौभाग्‍य योग में है सावन का पहला सोमवार, व्रत व अनुष्‍ठान से शिवजी प्रसन्‍न होंगे

Sawan 2021 यूं तो सावन का महीना शनिवार से ही शुरू हो गया था लेकिन आज का महत्‍व ही अलग है। सावन के पहले सोमवार पर आस्‍था भक्ति वैराग्य व समर्पण का माहौल है। शिव मंदिरों में घंटे-घडि़याल बज रहे हैं। ऊं नमह शिवाय का जाप हो रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 10:24 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 10:24 AM (IST)
Sawan 2021: सौभाग्‍य योग में है सावन का पहला सोमवार, व्रत व अनुष्‍ठान से शिवजी प्रसन्‍न होंगे
सावन के पहले सोमवार पर शिवभक्ति की बयार है। हर ओर 'हर-हर बम-बम' की गूंज है।

प्रयागराज, जेएनएन। सावन में समस्त देवता शयन (निंद्रा) करते हैं, लेकिन शिव जाग्रत रहते हैं। इसी कारण यह महीना भोलेनाथ को समर्पित है। व्रत रखकर रुद्राभिषेक, महाभिषेक व जलाभिषेक करने पर शिव प्रसन्न होकर मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। सावन का आज पहला सोमवार है। इसमें सौभाग्य नामक योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। धर्माचार्य कहते हैं कि उक्त योग पर व्रत व अनुष्ठान करने वालों पर भगवान शिव सौभाग्य की वर्षा करेंगे। महिलाओं की वैवाहिक जीवन की कुशलता, सुख-समृद्धि की कामना पूर्ण होगी। अविवाहित कन्याएं मनोवांछित वर की प्राप्ति होगी, जबकि पुरुष दैहिक, दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति के लिए शिव की स्तुति करनी चाहिए।

loksabha election banner

शिव मंदिरों में उमड़ी आस्‍था

यूं तो सावन का महीना शनिवार से ही शुरू हो गया था लेकिन आज का महत्‍व ही अलग है। सावन के पहले सोमवार पर हर ओर आस्‍था, भक्ति, वैराग्य व समर्पण का माहौल है। सुबह से ही शिव मंदिरों में घंटे-घडि़याल बज रहे हैं। ऊं नमह शिवाय का जाप हो रहा है। गंगा स्‍नान कर भक्‍त भोलेनाथ को प्रसन्‍न करने के लिए गंगाजल से जलाभिषेक कर रहे हैं। दूध, दही और शहद से भी शिवलिंग का अभिषेक किया जा रहा है। बल्‍ब, बेलपत्र, धतूर, माला-फूल, आदि से भी भक्‍त पूजन-अर्चन कर रहे हैं।

जलाभिषेक व पूजन-अर्चन की धूम

सावन माह के आरंभ होते ही चहुंओर शिवमय माहौल हो गया है। देवाधिदेव महादेव भगवान शिव के प्रिय इस महीने में श्रवण नक्षत्र में सनातन धर्मावलंबी शिवालयों में दर्शन-पूजन करने को पहुंचने लगे। रुद्राभिषेक, जलाभिषेक व महाभिषेक का सिलसिला मास पर्यंत चलेगा। कांवर यात्रा पर रोक लगने के बावजूद कुछ शिवभक्त कांवरिया भी दर्शन-पूजन के लिए घरों से निकल पड़े हैं। भगवा वस्त्र धारण करके 'हर-हर बम-बम' का उद्घोष करते हुए संगम व गंगा में स्नान करके कांवरिया दशाश्वमेध महादेव, मनकामेश्वर महादेव, गंगोली शिवालय, शिव कचहरी आदि शिवालयों में जलाभिषेक किया। कांवरिया संगम स्नान के बाद जल भरकर नंगे पांव काशी रवाना हो रहे हैं।

हर सोमवार को है विशेष योग

26 जुलाई (पहला सोमवार)

घनिष्ठा नक्षत्र, सौभाग्य योग, वणिज करण।

दो अगस्त (दूसरा सोमवार) 

नवमी तिथि, कृतिका नक्षत्र, गर करण व सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।

नौ अगस्त (तीसरा सोमवार)

श्लेषा नक्षत्र, वरीयान योग, शुक्लपक्ष की प्रतिप्रदा तिथि, किमस्तुग्घ्न व बर करण।

-16 अगस्त (चौथा सोमवार)

अनुराधा नक्षत्र, ब्रह्मयोग, यायिजय योग, सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।

ऐसा करें व्रत, प्रसन्न होंगे शिव

पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय बताते हैं कि प्रत्येक सोमवार को प्राचीन शिवालय में जाकर भगवान शिव की मूर्ति अथवा शिवलिंग का दुग्धाभिषेक करके बेलपत्र, फल, पुष्प, मिष्ठान अर्पित करके धूप, दीप से आरती करें। पूजन के बाद दिनभर उपवास रखकर मन ही मन पुरुष 'ओम नम: शिवाय' व महिलाएं 'नम: शिवाय' का जप करते रहें। शाम पुन: शिव की आरती करके स्वल्पाहार ग्रहण करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.