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रविता हत्याकांड के पीछे ऑनर किलिंग, भाई ने ही गला घोटकर की थी हत्या Prayagraj News

ऑनर किलिंग के तहत रिश्ते का खून किया गया। झूंसी की रविता हत्याकांड के पीछे यही कारण था। उसके सगे भाई ने दो दाेस्‍तों के साथ वारदात को अंजाम किया था। तीनों गिरफ्तार हुए है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 11:20 AM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 11:20 AM (IST)
रविता हत्याकांड के पीछे ऑनर किलिंग, भाई ने ही गला घोटकर की थी हत्या Prayagraj News
रविता हत्याकांड के पीछे ऑनर किलिंग, भाई ने ही गला घोटकर की थी हत्या Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। हंडिया इलाके की रविता हत्याकांड के पीछे ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है। प्रेमी के पास पुणे जाने के लिए घर से निकली रविता को उसके सगे भाई ने रास्ते में पकड़ लिया था। फिर दुपट्टे से गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने समाज में बदनामी की वजह से हत्या के आरोपित सगे भाई समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

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झूंसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म तीन के ट्रैक पर मृत मिली थी रविता

हंडिया में उस्मापुर गांव निवासी विमला शंकर पटेल की छह बेटियों में रविता दूसरे नंबर पर थी। चार बेटों में सबसे बड़ा जीतेंद्र है। 22 वर्षीय रविता शुक्रवार सुबह झूंसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म तीन के ट्रैक पर मृत मिली थी। उसे गला दबाकर मारा गया था। पास पड़े मिले मोबाइल में लगा सिम उस्मापुर गांव के सूरज के नाम से था। सूरज विश्वकर्मा रविता का पड़ोसी निकला। पुलिस ने सूरज को पकड़ा और उससे पूछताछ के बाद बलराम पटेल और रविता के भाई जीतेंद्र को भी हिरासत में लिया।

भाई समेत तीनों युवकों ने कत्ल की बात कुबूली

इंस्पेक्टर जीआरपी रघुवीर सिंह के मुताबिक, भाई समेत तीनों युवकों ने कुबूला कि उन्होंने रविता का कत्ल किया है। भाई ने बताया कि रविता दो महीने पहले नेवादा गांव के मनीष के साथ पुणे चली गई थी। वह 15 अगस्त को पुणे से घर लौटी। 28 अगस्त को वह फिर मनीष के पास जाने के लिए घर से बगावत कर निकली थी। घर में रखा मोबाइल फोन भी उठा ले गई थी। उसमें लगा सिम पड़ोसी सूरज ने ही खरीदकर दिया था। भाई जीतेंद्र ने सूरज और बलराम के साथ मिलकर सैदाबाद में रविता को पकड़ा। काफी समझाया पर वह मनीष के पास जाने के लिए अड़ी रही।

कत्ल के बाद शव खींचकर रेलवे ट्रैक पर ले जाया गया

आखिर में उसकी हत्या का इरादा बनाकर भाई ने कहा कि जब जाना ही है तो वह लोग उसे झूंसी स्टेशन तक छोड़ देते हैं। देर रात झूंसी स्टेशन के पास पहुंचने पर वह रविता को तीन नंबर प्लेटफार्म के सामने सन्नाटे में ले गए। वहां जीतेंद्र ने बलराम के साथ मिलकर दुपïट्टे से गला घोटकर उसे मार डाला। फिर शव को खींचकर करीब 50 मीटर दूर ट्रैक पर ले गए। वहां मोबाइल और पर्स भी छोड़कर तीनों घर चले गए।

भाई ने कहा-बदनामी करा दी थी, इसलिए मार डाला

भाई जीतेंद्र ने पूछताछ के दौरान कहा कि रविता की वजह से समाज में बहुत बदनामी हो रही थी। बाकी बहनों की शादी के लिए रिश्ते नहीं मिल रहे थे। लोग शादी से मना कर दे रहे थे। रविता फिर पुणे जाने पर अड़ गई थी, इसलिए उसे जान से मारना पड़ गया।


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