Namami Gange Scheme : गंगा सफाई में संगमनगरी देश भर में चौथे नंबर पर Prayagraj News
गंगा में गंदगी न जाने देने के लिए नगर निगम की ओर से 21 घाटों पर सफाई के लिए विशाल प्रोटेक्शन फोर्स नाम की एजेंसी लगाई गई है।
प्रयागराज,जेएनएन। गंगा की स्वच्छता में संगमनगरी ने इस बार चौथी रैंकिंग हासिल की है। रैंकिंग में सुधार की मुख्य वजह लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता, गंगा रैलियां, घाटों की नियमित सफाई, सीवर के पानी को शोधित होने के बाद ही गंगा में जाने देना है।
शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन निकलने वाले सीवरेज के पानी के ट्रीटमेंट के लिए फिलहाल छह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) हैं। इसमें नैनी में 80 एमएलडी, मेंहदौरी में 60 एमएलडी, बक्शी बांध पर 43 एमएलडी, नुमैयाडाही में 50 एमएलडी, कोडरा में 25 और पोंगहट में 10 एमएलडी का एसटीपी शामिल है। इन एसटीपी से कुल 268 एमएलडी पानी शोधित होता है। 72 एमएलडी क्षमता के तीन नए एसटीपी नमामि गंगे योजना के तहत नैनी, झूंसी और फाफामऊ में बनाए जा रहे हैं। इससे कुल 340 एमएलडी पानी के शोधन की क्षमता हो जाएगी। इससे शहर में हर रोज निकलने वाले करीब 340 एमएलडी सीवर का पानी शोधित होने के बाद ही गंगा में जाएगा।
विशाल प्रोटेक्शन फोर्स कर रही काम
गंगा में गंदगी न जाने देने के लिए नगर निगम की ओर से 21 घाटों पर सफाई के लिए विशाल प्रोटेक्शन फोर्स नाम की एजेंसी लगाई गई है। इस एजेंसी के कर्मचारी घाटों पर नियमित मैन्युअली सफाई करते हैं। कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी गंगा घाटों पर सफाई करती हैं।
जनजागरूकता रैलियों का भी रहा असर
शहरियों में जनजागरूकता के लिए रैलियां भी आयोजित की जाती हैं। फरवरी महीने में गंगा यात्रा भी निकाली गई थी। इस यात्रा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे। गंगा की स्वच्छता रैंकिंग में प्रयाग का चौथा स्थान आने के लिए इन चीजों को अहम कारण माना जा रहा है। इस रैंकिंग में वाराणसी पहले, कानपुर दूसरे और मुंगेर (बिहार) तीसरे स्थान पर है।