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संपूर्ण क्रांति रथयात्रा के माध्यम से कारोबारियों को जागरूक किया

कारोबारियों को जागरूक करने के लिए संपूर्ण क्रांति रथ यात्रा निकाली गई। इसके माध्‍यम से व्‍यापारियों को जागरूक करने का प्रयास कया गया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 08:37 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 08:37 PM (IST)
संपूर्ण क्रांति रथयात्रा के माध्यम से कारोबारियों को जागरूक किया

प्रयागराज : ऑनलाइन खरीदारी और खुदरा कारोबार में विदेशी निवेश समेत अन्य मुद्दों के प्रति व्यापारियों को जागरूक करने के लिए बुधवार को शहर में संपूर्ण क्रांति रथ यात्रा निकाली गई। बताया कि विदेशी निवेश से देश भर के करीब 6.5 करोड़ व्यापारियों, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 25 करोड़ अकुशल श्रमिकों के प्रभावित होने का अंदेशा है।

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 कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की ओर से सुबह चंद्रलोक टॉकीज के पास से संपूर्ण क्रांति रथ यात्रा निकाली गई। कोठापार्चा, आर्यकन्या, मुट्ठीगंज, रामभवन चौराहा, बहादुरगंज, सुलाकी चौराहा, मानसरोवर चौराहा, जीरो रोड, घंटाघर, जानसेनगंज होते हुए यात्रा सिविल लाइंस में खत्म हुई। यहां आयोजित कार्यक्रम में कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने कहा कि देश की जीडीपी में करीब 45 फीसद का योगदान देने वाले व्यापारियों के लिए न कोई नीति है न अलग से मंत्रालय। मनोज अग्रवाल व आशुतोष गोयल ने कहा कि आगामी चुनाव में नेताओं से हमें पूछना चाहिए कि उन्होंने व्यापारियों के लिए कौन सी नीति बनाई और किस कानून को सरल किया। अजय अग्रवाल और अरुणेश जायसवाल ने कहा कि पहले हमें अपने घरों में ऑनलाइन कंपनियों और मॉल से की जाने वाली खरीदारी पर रोक लगानी होगी।

  कारोबारियों ने कहा कि विदेशी निवेश के नाम पर एक बार फिर ईस्ट इंडिया कंपनी की वापसी होने वाली है। दुनिया भर की निगाह देश के 43 करोड़ रुपये के सालाना खुदरा कारोबार को कब्जा करने पर है। यात्रा में आशुतोष गोयल, विभु अग्रवाल, विनय साहू, संदीप केसरवानी, संदीप अग्रवाल, अजय अग्रवाल, गौतम अरोरा, शिव सेना जिला प्रमुख आलोक सिंह आदि शामिल रहे। संचालन तरंग अग्रवाल और नीरज मालवीय ने किया।

यह हैं प्रमुख मांगें

-ई-कॉमर्स नीति बने

-खुदरा कारोबार के लिए अलग से मंत्रालय बने।

-जीएसटी में कर की तीन दरें हों।

-एक प्राधिकरण हो और रिटर्न त्रैमासिक किया जाए।

-समाधान योजना को 1.5 से बढ़ाकर पांच करोड़ किया जाए।

-मंडी व्यवस्था को खत्म किया जाए।

-राज्यसभा में व्यापारियों का प्रतिनिधित्व हो।

-कामर्शियल बिजली और हाउस टैक्स समाप्त किया जाए।


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