संत नाराजः सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर राम मंदिर बनाने के लिए संसद में कानून बनें
संतों ने सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर राम मंदिर के लिए संसद में प्रस्ताव लाकर कानून बनाने की मांग की है।
इलाहाबाद (जेएनएन)। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण के विलंब होने से संतों में नाराजगी बढ़ रही है। वह श्रीराम मंदिर को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट हैं। संतों ने सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर राम मंदिर के लिए संसद में प्रस्ताव लाकर कानून बनाने की मांग की है। यह निर्णय रविवार को ओंकार आश्रम दारागंज में संत सम्मेलन में लिया गया। उल्लेखनीय है कि विकास ही चुनावी मुद्दा रहेगा, भाजपा के बड़े नेताओं के इस बयान पर संतों में नाराजगी है। संभवतः इसी नाराजगी को दूर करने सीएम योगी आदित्यनाथ सोमवार को अयोध्या पहुंच रहे हैं।
सरकार राम मंदिर का वादा पूरा करें
संत सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे प्रयाग पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी ओमकारानंद सरस्वती ने कहा कि मोदी-योगी सरकार राम मंदिर का वादा पूरा करें, तभी जनता में उनके प्रति विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर हिंदू अस्मिता से जुड़ा है, जिसको लेकर बातें बहुत हो चुकी हैं। अब काम करने का समय है। अगर मंदिर निर्माण को लेकर अभी पहल न हुई तो काफी विलंब हो जाएगा। प्रयाग में लग रहे कुंभ मेला को पॉलीथिन मुक्त बनाने व प्रयाग से दुनिया को हरित संदेश देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कुंभ को लेकर सरकार सराहनीय काम कर रही है, संत उनकी हर मुहिम में उनका पूरा साथ देंगे। स्वामी ओमानंद सरस्वती ने कहा कि सरकार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को हज की तरह सब्सिडी दे। स्वामी राजेंद्रानंद ने कहा कि राम मंदिर को लेकर आज सरकार निर्णायक कदम उठाना चाहिए।