साल स्लीपर बनेगा पांटून पुल में रोड़ा
एक ओर प्रशासन का दावा है कि कुंभ मेला की तैयारी तय समय में पूरी कर ली जाएगी। दूसरी ओर इसमें कई रोड़ा भी नजर आ रहा है। साल स्लीपर पाड़ून पुल बनने में रोड़ा बन रहा है। क्वालिटी कंट्रोल की टीम गठित न होने से काम पिछड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : प्रशासन का दावा है कि कुंभ मेला की तैयारी तय समयावधि के अनुरूप चल रही है। मंडलायुक्त की समीक्षा बैठक में हर विभाग अपना काम बेहतर बताकर पीठ ठोक रहा है, जबकि हकीकत उसके विपरीत है। सबसे लचर काम लोक निर्माण विभाग का है। लोक निर्माण विभाग को कुंभ मेला में 20 पांटून पुल बनाने हैं, जिसका काम सितंबर माह के अंत में शुरू होना है, लेकिन पांटूनों में लगने वाले साल स्लीपर (पीपा में बिछने वाली लकड़ी) अभी तक नहीं पहुंची। जबकि जुलाई माह में उसे पहुंचना था। बिना साल स्लीपर के पांटून पुल नहीं बन सकेगा।
पांटून पुल में तकरीबन 30 हजार साल स्लीपर लगने हैं। उसे अरुणाचल वन निगम से आना है, जिसके लिए 20 करोड़ रुपये दे दिया गया है। लेकिन प्रदेश सरकार अभी तक क्वालिटी कंट्रोल की टीम गठित नहीं कर पायी है, जिसके चलते वह यहां आ नहीं पा रही। टीम गठित होने के बाद वह उसकी गुणवत्ता परखेगी उसके बाद ही स्लीपर आएगी।
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विलंब होगा काम
साल स्लीपर अभी तक न पहुंचने से पांटून पुल निर्माण में विलंब होगा। क्वालिटी कंट्रोल की टीम कब बनेगी उसका कोई अता-पता नहीं है। अगर टीम 15 अगस्त तक बन भी जाती है, तब भी उसे गुणवत्ता परखने में कम से कम 15 से 20 दिन का समय लगेगा। उसके बाद अरुणांचल प्रदेश से साल स्लीपर के यहां पहुंचने में भी कम से कम 20 दिन का समय लगेगा।
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ऐसी होती है साल स्लीपर
साल स्लीपर साखू की लकड़ी से बनती है। एक साल स्लीपर चार मीटर, 25 सेमी लंबी होती है। जबकि उसकी चौड़ाई 20 सेमी एवं मोटाई 13 सेमी रहती है।
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क्वालिटी कंट्रोल को लेकर शासनादेश न होने के चलते साल स्लीपर नहीं आ पायी है। शासन ने उस दिशा में काम शुरू कर दिया है। क्वालिटी कंट्रोल टीम गठित होने के बाद साल स्लीपर आने लगेगी।
-विपिन पचौरिया, अधिशाषी अभियंता सीडी फोर पीडब्ल्यूडी