प्रयागराज, जेएनएन। रूस व यूक्रेन के बीच चल रही जंग के चलते यूक्रेन के अलावा रूस तथा अन्य पड़ोसी देशों में भी पढ़ाई करने गए भारतीय छात्र-छात्राओं में दहशत का माहौल है। युद्ध के बीच वे स्वदेश लौटने पर विवश हो रहे हैं। रानीगंज तहसील क्षेत्र के फतनपुर इलाके के भीट गांव का मेडिकल छात्र सचिन रूस के क्रीमिया से  सुरक्षित घऱ पहुंच गया लेकिन उसके जेहन से अभी धमाकों की दहशत दूर नहीं हुई है।

भीट गांव निवासी हरीश कुमार पांडेय का पुत्र सचिन कुमार पांडेय यूक्रेन के सीमा पर (रूस में क्रीमिया राज्य के सिम्फ्रापोल शहर में) एमबीबीएस की अंतिम वर्ष में पढ़ाई कर रहा था। यूक्रेन रुस के बीच हो रहे युद्ध के दौरान वह भी क्रीमिया में फंसा था। भारत सरकार की मदद से वह सुरक्षित देश पहुंच गया। फिर  मंगलवार दोपहर बाद वह घर पहुंचा। सचिन के सुरक्षित घर वापस आने से परिवार और क्षेत्र के लोग खुश हैं। लेकिन सचिन के जेहन से अभी भय दूर नहीं हो सका है। 

उल्लेखनीय है कि रूस का हमला झेल रहे यूक्रेन के शहरों में प्रयागराज मंडल के 59 मेडिकल छात्र फंसे थे। भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा के तहत युद्ध वाले शहरों से छात्रों को सुरक्षित निकालने का अभियान चलाया है। युद्ध शुरू होने पर उक्रेन से विमान सेवा रद कर दी गई। ऐसे में वहां हजारों मेडिकल छात्र फंस गए। प्रतापगढ़ के सचिन पांडेय दो मार्च को ट्रेन से मास्को पहुंचे, जहां से फ्लाइट द्वारा दिल्ली आए। दो दिन रुकने के बाद आज मंगलवार को घर पहुंचे। बेटे के सही सलामत घर आने पर पिता हरीश पांडेय, बाबा तीर्थराज पांडेय, आद्या प्रसाद पांडेय, राधेश्याम पांडेय,व अखिलेश कुमार पांडेय, विनय, विवेक व गांव के राम प्रकाश पांडेय सहित अन्य लोगों ने राहत की सांस ली है।

Edited By: Ankur Tripathi