Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्र वापसी पर संशय में, शुरू की आनलाइन क्लास
मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने भारतीय छात्रों के फिर से यूक्रेन जाने पर अभी संशय की स्थिति है। यूक्रेन की मेडिकल यूनिवर्सिटीज में एक सितंबर से नया सत्र शुरू हो चुका है। छात्रों ने आनलाइन क्लास शुरू कर दिया है। वे स्थिति सुधरने का इंतजार कर रहे हैं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने भारतीय छात्रों के फिर से यूक्रेन जाने पर अभी संशय की स्थिति है। यूक्रेन की मेडिकल यूनिवर्सिटीज में एक सितंबर से नया सत्र शुरू हो चुका है। छात्रों ने आनलाइन क्लास शुरू कर दिया है। वे स्थिति सुधरने का इंतजार कर रहे हैं। खारकीव, टर्नोपिल, पेट्रो ब्लैक सी, बोगोमोलेट्स, नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी समेत कई कालेज में पढ़ रहे 58 छात्र प्रयागराज सुरक्षित वापस लौटे हैं।
यूक्रेन के हालात अभी रहने लायक नहीं हैं, बताया छात्रों ने
यूक्रेन से लौटे आस्था सिंह, किश्तिज सिंह, साक्षी त्रिपाठी, दिव्यांशु निर्भय, राज प्रताप सिंह आदि छात्रों ने बताया कि पढ़ाई तो पूरी करनी है। यूक्रेन में हालात अभी ऐसे नहीं कि वहां जा सकें ऐसे में हम थोड़ा और इंतजार करेंगे। इसके अलावा हम कई अन्य मेडिकल यूनिवर्सिटी से संपर्क में हैं।
वहीं, टर्नोपिल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा साक्षी त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने फरगना स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए संपर्क किया है। इसी महीने के अंत तक वह आगे की पढ़ाई पूरी करने उज्बेकिस्तान जाएंगी।
साक्षी के पिता एसडी त्रिपाठी ने बताया कि हमें लगभग 10 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड रहे हैं। एजेंट के जरिए ही सारा काम हो रहा है। इस प्रक्रिया में लगभग 1.35 लाख रुपये एजेंट को देने होंगे। एडमिशन के बाद बच्चों के सभी शैक्षिक अभिलेख यूनिवर्सिटी में ही जमा हो जाते हैं, उसे भी एजेंट के जरिए लाने में 50 हजार रुपये खर्च होंगे। हर कदम पर पैसा लगना है। फीस के अलावा वहां रहना और उसके साथ अन्य खर्च भी अतिरिक्त देय होंगे लेकिन, बेटी का करियर दांव पर है, समय खराब न हो और बेटी सुरक्षित रहे इसके लिए यह फैसला लिया है।
दीपावली तक करेंगे इंतजार
हनुमानगंज की रहने वाली बोगोमोलेट्स मेडिकल कालेज के एमबीबीएस चतुर्थ वर्ष की छात्रा आस्था सिंह ने बताया कि पढ़ाई तो पूरी करनी ही है, अभी हम दीपावली तक इंतजार करेंगे। अभी मैं और मेरी जान पहचान का कोई भी छात्र यूक्रेन नहीं जा रहा है। अगर हमें जाना पड़ा तो जनवरी 2023 में हम जाएंगे।
हम जर्जिया और रसिया के मेडिकल कालेज में विकल्प तलाश रहे हैं कि हम वहां अपना ट्रांसफर करा लें, क्योंकि वहां की मेडिकल पढ़ाई यूक्रेन जैसी ही है। हालांकि इसमें आठ से 10 लाख रुपये का खर्च आएगा और सामान्य परिवार के लिए उसका इंतजाम काफी मुश्किल होगा। इसलिए हम आखिरी समय तक इंतजार करेंगे। स्थानांतरण प्रोग्राम की व्यवस्था हमारी यूनवर्सिटी दे रही है।