Move to Jagran APP

प्रयागराज कुंभ से मिलेगी राम मंदिर निर्माण को दिशा,पांच साल में पूरा हो जाएगा : भैया जी जोशी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैया जी जोशी ने साफ कहा है कि कुंभ से श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर दिशा मिलेगी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 11:45 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 01:30 PM (IST)
प्रयागराज कुंभ से मिलेगी राम मंदिर निर्माण को दिशा,पांच साल में पूरा हो जाएगा : भैया जी जोशी

प्रयागराज, जेएनएन। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैया जी जोशी ने साफ कहा है कि कुंभ से श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर जल्द बनना चाहिए। यह असंख्य हिंदुओं की आस्था से जुड़ा है। मौजूदा दौर मंदिर निर्माण के लिए निर्णायक है। कुंभ मेला से उसको लेकर नई दिशा मिलेगी।

loksabha election banner

प्रयागराज में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैया जी जोशी दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्वार के शिविर में 'कुंभ : राष्ट्र में सकारात्मक परिवर्तन का पर्व' विषयक व्याख्यान में वह बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रयाग कुंभ में ही राम मंदिर निर्माण का खाका तैयार हुआ था। जब विवादित ढांचा गिरा था, तब भी कुंभ था। अब मंदिर निर्माण को लेकर भी यहीं से शंखनाद होगा।

उन्होंने कहा कि कुंभ के धार्मिक, वैज्ञानिक और पौराणिक महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कुंभ सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान करने का माध्यम नहीं बल्कि विचारों का मंथन पर्व है। देश में अनेक संस्कृति, भाषाएं हैं, लेकिन कुंभ के प्रति सबकी मान्यता एक है। यह हिंदुओं के वैभव का प्रतीक है, साथ ही समाज को एकजुट करने का सशक्त माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि जब भारत आठ सौ वर्षों तक गुलाम था तब कुंभ ने देश को जोड़े रखा। जब 1857 में देश पुन: खड़ा हुआ, उस समय कुंभ लगा था। बंकिम चंद्र चटर्जी ने वंदेमातरम गीत की रचना करके राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद 1893 में स्वामी विवेकानंद शिकागो गए और वहां हिंदुत्व का परचम लहराया था।

इस समारोह की अध्यक्षता कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राम मंदिर निर्माण में विलंब नहीं होना चाहिए। मिशन के संस्थापक डॉ. आशीष गौतम ने कहा कि त्याग और सेवा का दर्शन करना, भारत की मूल आत्मा को समझना है तो कुंभ में आना होगा। कुंभ में त्याग, समर्पण व संस्कृति की त्रिवेणी प्रवाहमान है। आध्यात्म व त्याग की इस धरा में आने वाले व्यक्ति के जीवन में चमत्कारिक बदलाव आता है। संयोजन डॉ. केएन ङ्क्षसह ने किया। आचार्य शांतनु ने मिशन के कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.