रसोई से भी चीन को करारा जवाब देने की तैयारी Prayagraj News
भारतीय सैनिकों पर लेह की गलवान घाटी में हमले के खिलाफ विरोध की आंच सड़क से रसोई तक पहुंच गई यह स्वदेशी बाजारों के लिए भी शुभ संकेत हैं।
प्रयागराज,जेएनएन। चीन को करारा जवाब घरों की रसोई से भी देने की तैयारी हो गई है। चाइनीज उत्पादों का बहिष्कार अब केवल आंदोलनों तक ही सीमित नहीं रहा। आधी आबादी ने इस बात का ऐलान कर दिया है कि रसोई के लिए अब स्वदेशी सामान ही खरीदेंगी। क्योंकि सस्ता और चमकाऊ आइटम टिकाऊ नहीं होता। गुस्से का स्तर इस कदर है कि महिलाओं और बच्चों ने चाइनीज फूड को ही टाटा कहने पर समझौता कर लिया। भारतीय सैनिकों पर लेह की गलवान घाटी में हमले के खिलाफ विरोध की आंच सड़क से रसोई तक पहुंच गई, यह स्वदेशी बाजारों के लिए भी शुभ संकेत हैं।
बाजार के दम पर फूलता है चीन
अशोक नगर की योगिता शर्मा ने बताया कि चाइनीज आइटम खरीदना काफी पहले ही बंद कर दिया था अब तो और भी नफरत होने लगी है। प्लास्टिक के सामान हो या फिर चाकू चम्मच, इन्हीं के दम पर चीन फूलता है उसे सबक सिखाने का वक्त आ गया है।
मेड इन चाइना का है विकल्प
ड्रमंड रोड निवासी सुनीता नारायण का कहना है कि क्रॉकरी से लेकर फ्राईपैन तक चीनी उत्पाद महिलाएं ज्यादा खरीदती हैं। यह सस्ते मिलते हैं। चीन को इसी बात का गुरूर है। अपने शहर की बाजार और शिल्प मेले में इन सस्ते सामानों का विकल्प हमेशा उपलब्ध रहता है।
चाइनीज आइटम से हो गई चिढ़
सोहबतियाबाग शशिबाला पांडेय का कहना है कि घर में नाश्ते के नाम पर अक्सर चाइनीज फास्ट फूड बनते हैं। कभी चाऊमीन, कभी मोमोज और फ्राइड राइस भी। इसमें सामग्री भले ही अपने देश की उपज हो लेकिन, सैनिकों का खून बहा है तो अब चाइनीज नाम से ही चिढ़ होने लगी है।
नहीं पसंद करते चाइनीज आइटम
अशोक नगर की वंदना गुप्ता का कहना है कि वह चाइनीज आइटम को पसंद नहीं करते। बच्चों ने भी अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि चाइनीज फूड नहीं खाएंगे। तय कर लिया कि चीन को उसके उत्पादों का बहिष्कार करके सबक सिखा सकते हैं। रसोई की सामग्री स्वदेशी ही लेंगे।
यह मिलते हैं चाइनीज सामान
स्पून स्टैंड, प्याज कटर, प्लास्टिक की अचारदानी, तवा, फ्राईपैन, चाकू, चम्मच, चिमटा, छिलना, क्रॉकरी, चिप्स कटर, मसाले, प्लास्टिक की डलिया, फाइवर प्लेट इत्यादि।