इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में पीएचडी में आरक्षण रोस्टर का विवाद सुलझा Prayagraj News
कुलपति प्रो. पीके साहू ने कुलपति के विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए यह आदेश जारी किया था कि विवादों को सुलझाने के लिए अब रिसर्च डिग्री कमेटी की बैठक प्रतिमाह होगी।
प्रयागराज,जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) और उसके सभी संघटक महाविद्यालयों में पीएचडी प्रवेश में आरक्षण रोस्टर को लेकर विवाद दूर हो गया। कॉलेजों में पहली बार पीएचडी प्रवेश मिलने के बाद आरक्षण को लेकर असमंजस की स्थिति थी। अब इविवि और महाविद्यालयों के विभागों को मिलाकर आरक्षण का रोस्टर तैयार किया जाएगा। इसके बाद मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। यह फैसला कुलपति की अध्यक्षता में नॉर्थ हॉल में हुई रिसर्च डिग्री कमेटी की बैठक में लिया गया।
अब रिसर्च डिग्री कमेटी की बैठक प्रतिमाह
दरअसल, इविवि में पीएचडी प्रवेश में आरक्षण रोस्टर को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। इसके लिए एक दिन के कुलपति प्रो. पीके साहू ने कुलपति के विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए यह आदेश जारी किया था कि विवादों को सुलझाने के लिए अब रिसर्च डिग्री कमेटी की बैठक प्रतिमाह होगी। मूल्यांकन में देरी न होने पाए, इसके लिए उन्होंने पीएचडी परीक्षा के लिए तत्काल परीक्षक भी नियुक्त किया था। जबकि, अब तक परीक्षक की नियुक्ति एकेडमिक काउंसिल से होती थी। बैठक में फैसला लिया कि अब आरक्षण रोस्टर इविवि और संघटक महाविद्यालयों के उन विभागों की सीटों को जोड़कर तैयार किया जाएगा, जिनमें प्रवेश दिया जाना है। चूंकि, इसी सत्र में कॉलेजों में पीएचडी प्रवेश होने से आरक्षण के रोस्टर पर असमंजस की स्थिति थी। ऐसे में पीएचडी प्रवेश को लेकर विवाद भी खड़ा हो गया था। अब क्रेट की लिखित परीक्षा और इंटरव्यू में हासिल अंकों के आधार पर मेरिट तैयार की जाएगी। इसके बाद प्रवेश दिया जाएगा।
छात्रों ने दिया आंदोलन का अल्टीमेटीम
इविवि के वाणिज्य विभाग में क्रेट-2019 में हुई अनियमितता व इंटरव्यू में धांधली को लेकर बुधवार को छात्रों ने कुलपति कार्यालय का घेराव किया। छात्रों ने कुलपति से कहा जब तक जांच पूरी नहीं होती तब तक प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। इस पर कुलपति ने छात्रों से 24 घंटे का वक्त मांगा। उसमें इन सभी बातों को रखा जाएगा कि बिना कोई रास्ता निकाले प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं होगी। छात्रों ने कहा यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन करेंगे।