अर्द्धकुंभ के लिए एयर एंबुलेंस के टेंडर देने में मनमानी, निशाने पर आधा दर्जन अधिकारी
कुंभ के दौरान एयर एंबुलेंस के लिए निविदा प्रक्रिया सवालों में घिर गई है। आरोप है कि दिल्ली की उस कंपनी के नाम टेंडर फाइनल हो गया, जिसे अनुभव ही नहीं है।
प्रयागराज, जेेनएन । कुंभ के दौरान एयर एंबुलेंस के लिए निविदा प्रक्रिया सवालों में घिर गई है। आरोप है कि दिल्ली की उस कंपनी के नाम टेंडर फाइनल हो गया, जिसे अनुभव ही नहीं है।
शिकायत पर कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने जांच बैठा दी है। टेंडर में खेल में आधा दर्जन अधिकारी निशाने पर आ गए हैं। अपर मेलाधिकारी सीपी तिवारी ने टेक्निकल टीम के साथ जांच शुरू भी कर दी है। उल्लेखनीय है कि गंभीर रूप से बीमार लोगों को कुंभ के दौरान त्वरित सहायता के लिए इस बार एयर एंबुलेंस की सुविधा दी जानी है। पहली बार ऐसी व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए लगभग 4.50 करोड़ रुपये अवमुक्त किए गए हैं। एयर एंबुलेंस के प्रबंध की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गई थी।
टेंडर में शामिल हुई सिर्फ एक कंपनी
स्वास्थ्य विभाग ने एयर एंबुलेंस के प्रबंध के लिए ऑनलाइन टेंडर निकाला। बीते 26 नवंबर को टेंडर खोला गया तो सिर्फ एक कंपनी ही आई। तीन दिसंबर को दूसरी बार टेंडर खोला गया तो चार कंपनियां थीं। प्रतिस्पर्धा में शामिल हेलिक्स टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड व ओमश्री डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड को यह कह बाहर कर दिया कि ये प्रोवाइडर थे। मतलब, इन कंपनियों के पास खुद की सर्विस नहीं है।
इसके बाद बचीं दो कंपनियां, एरोमेड इंटरनेशनल रेस्क्यू सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और लासंते हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड। एरोमेड के पक्ष में टेंडर हो गया, जिस पर अनियमितता की शिकायत की गई है। लासंते के सीईओ अखिलेश वर्मा का आरोप है कि जिस कंपनी को टेंडर दिया गया है, उसके पास अनुभव और योग्यता नहीं है। उक्त कंपनी के पास खुद की एयर एंबुलेंस भी नहीं है। यह शिकायत कुंभ मेलाधिकारी के साथ ही लखनऊ और दिल्ली तक की गई है।
ये हैं आरोप
- एरोमेड इंटरनेशनल की सर्विस के चारों बिल फर्जी हैं।
- बिल अपोलो चेन्नई, फोर्टिस चेन्नई, डेक्कन एयरवेज व लेप्रेसी मिशन के हैं।
- अनुभव व योग्यता प्रमाण पत्र की जांच नहीं कराई गई।
- स्वास्थ्य विभाग ने नियम और शर्तों का पालन नहीं किया।
सभापति ने जांच को लिखा पत्र
विधान परिषद की विधायी समाधिकार समिति के सभापति लक्ष्मण आचार्य ने कुंभ मेलाधिकारी को लिखे पत्र में स्पष्ट कहा है कि टेंडर में विभाग द्वारा अपारदर्शिता दर्शायी जा रही है। एरोमेड इंटरनेशनल द्वारा लगाए गए चारों बिल प्रथम दृष्टया फर्जी प्रतीत होते हैं। इसकी जांच को-बिडर द्वारा कराए जाने पर वह फर्जी पाया गया। गत 20 दिसंबर को भेजे पत्र में सभापति ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई करने को भी कहा है। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि शिकायत मिलते ही एडीएम से इसकी जांच शुरू करा दी गई है। जांच रिपोर्ट में शिकायत सही पाई गई तो टेंडर निरस्त कर दिया जाएगा।
खेल में एडीएम-एडी समेत आधा दर्जन अफसर
कुंभ के दौरान केंद्र और प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल एयर एंबुलेंस के संचालन के टेंडर में खेल में आधा दर्जन अधिकारी निशाने पर हैं। इसमें एडीएम कुंभ मेला दयानंद प्रसाद और अपर निदेशक स्वास्थ्य एके पॉलीवाल मुख्य हैं। एडीएम टेंडर के प्रभारी प्रशासनिक अफसर हैं जबकि एडी स्वास्थ्य के निर्देशन में ही टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई। कुंभ के दौरान एयर एंबुलेंस के संचालन को लेकर पिछले चार माह से प्रयास शुरू किए गए थे। प्रदेश सरकार के निर्देश पर इसके लिए टेंडर निकाले गए।
आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में नियम और शर्तो को दरकिनार कर दिया गया, जबकि इसके लिए जिम्मेदार अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। खासतौर पर प्रशासन की ओर से नामित प्रभारी टेंडर अधिकारी एडीएम कुंभ मेला ने भी कोई नोटिस नहीं लिया। उनका कहना है कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। वह भले ही प्रभारी टेंडर अधिकारी हैं मगर स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें कोई सूचना तक नहीं दी।
एडी स्वास्थ्य के निर्देशन में टेंडर प्रक्रिया
एडी स्वास्थ्य इसलिए घेरे में हैं कि उनके निर्देशन में ही पूरी टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई है। आरोप है कि उन्होंने शिकायत को अनसुनी कर दी थी। इस बाबत एडी स्वास्थ्य का कहना है कि टेंडर में पारदर्शिता लाने की कोशिश की गई है। अनुभव प्रमाण पत्र लगाने पर संबंधित कंपनी को टेंडर दिया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के तीन-चार अधिकारी भी निशाने पर हैं, जिन पर टेंडर में नियम और शर्तो के आधार पर ही काम देने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जांच अधिकारी एडीएम कुंभ सीपी तिवारी का कहना है कि पड़ताल शुरू कराई गई है। जल्द ही किसी नतीजे पर जांच पहुंचेंगी। रिपोर्ट कुंभ मेलाधिकारी को सौंपी जाएगी। उधर, कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद का कहना है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।