Kripaluji Maharaj का शताब्दी जन्मोत्सव, प्रतापगढ़ के भक्तिधाम मनगढ़ में आस्था से निकली रथयात्रा
प्रतापगढ़ में कुंडा स्थित भक्तिधाम मनगढ़ में जगदगुरु कृपालुजी महाराज का शताब्दी जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। शरद पूर्णिमा तक कार्यक्रम चलेगा। कार्यक्रम में पूरे प्रदेश के साथ ही देश के कोने कोने से भक्तगण शामिल हो रहे हैं। आज रथयात्रा निकाली गई है।
प्रयागराज, प्रतापगढ़। जगतगुरु कृपालु जी महराज के जनशताब्दी के मौकै पर प्रतापगढ़ जिले के भक्ति धाम मनगढ़ से रथयात्रा निकाली गई। सोमवार की सुबह रथयात्रा मंदिर परिसर से निकली रथयात्रा में कृपालु महाराज की मूर्ति रखी थी। जिन मार्गों से होकर रथयात्रा निकली वहां हजारों लोगों ने नमन किया। अस्पताल रोड होते हुए मनगढ़ चौराहे पर रथयात्रा का फूल-माला अर्पित कर श्रद्धालुओं ने आरती उतारी।
मार्ग पर जगह-जगह रथयात्रा का हुआ स्वागत : करीब 3 किलोमीटर के दायरे में सड़क के दोनों तरफ पटेरिया पर महिला पुरुष बच्चे खड़े रहे। साथ ही हजारों लोग की भीड़ यात्रा के साथ चल रही थी। रथयात्रा भक्ति धाम मनगढ़ के मुख्य द्वार पर पहुंचकर मंदिर में प्रवेश कर गई। इस दौरान पूरा भगवा ध्वज एवं होर्डिंग से पूरा मार्ग पटा रहा।
मनगढ़ धाम में एक माह तक आयोजन : शरद पूर्णिमा पर जगदगुरु श्री कृपालुजी महाराज के 100 वां जन्म दिवस भक्ति धाम मनगढ़ में धूमधाम से मनाया जाएगा। यह कार्यक्रम एक माह से चल रहा है। कार्यक्रम में पूरे प्रदेश के साथ ही देश के कोने कोने से भक्तगण शामिल हो रहे हैं। पूरे माह आए हुए सत्संगीयों के साथ ही इसके साथ साधना का कार्यक्रम शामिल हो रहे हैं।
वर्ष 2005 में जगद्गुरु कृपालुजी महाराज ने की थी भक्ति धाम मंदिर की स्थापना : जगद्गुरु कृपालुजी महाराज कुंडा के मनगढ़ के मूल निवासी थे। उन्होंने वहीं भक्तिधाम मनगढ़ में भव्य मंदिर बनवाया था। मंदिर एक पत्थर हाथ से नक्काशी दार मंदिर है 108 फीट लंबा और गुलाबी बलुआ पत्थर सफेद संगमरमर और काले ग्रेनाइट से निर्मित है। भक्ति मंदिर की आधारशिला 26 अक्टूबर 1996 को रखी गई थी और नवंबर 2005 में इसका उद्घाटन किया गया। भक्ति धाम मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग दर्शन पूजन के लिए पहुंचते हैं।
जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के जन्म शताब्दी पर 4 दिन के लिए बंद रहेगा मंदिर : जगद्गुरु कृपालुजी महाराज के 100 वर्ष पूरे होने पर भक्ति धाम मनगढ़ में 1 माह से विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। शरद पूर्णिमा के 1 दिन पूर्व और 3 दिन बाद तक मंदिर बंद रहेगा। यानी 8 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक मंदिर का द्वार बंद रहेगा। ऐसे में 4 दिनों तक लोगों के दर्शन पूजन नहीं हो सकेंगे।