राज्यसभा सदस्य रेवती रमण सिंह ने कहा- कोरोना महामारी को अवसर की तरह ले रही है सरकार
सपा के वरिष्ठ नेता रेवती रमण ने कहा कि भाजपा सरकार को लोकतंत्र में भरोसा ही नहीं है। इसलिए प्रदेश में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में शिकस्त खाने के बाद विपक्ष के जीते जिला पंचायत सदस्यों को अभी से डराने धमकाने का काम चालू हो गया।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना महामारी को केंद्र सरकार अवसर के रूप में ले रही है। महंगाई चरम पर है और पेट्रोल-डीजल के दाम रोज बढ़ाकर महंगाई को और बढ़ाने का काम कर रही है। ये बातें राज्यसभा सदस्य रेवती रमण सिंह ने कहीं। गरीबों के रोजगार छीन गए। सरसों के तेल का दाम आसमान छू रहा है। गरीबों के लिए दो वक्त के भोजन का संकट खड़ा हो गया है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
सपा नेता बोले- भाजपा सरकार को लोकतंत्र में भरोसा ही नहीं
सपा के वरिष्ठ नेता रेवती रमण ने कहा कि भाजपा सरकार को लोकतंत्र में भरोसा ही नहीं है। इसलिए प्रदेश में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में शिकस्त खाने के बाद विपक्ष के जीते जिला पंचायत सदस्यों को अभी से डराने धमकाने का काम चालू हो गया। भाजपा येनकेन प्रकरेण किसी भी तरह से संसद से लेकर ग्रामसभा तक अपनी सत्ता जमाना चाहती है। पूर्व सपा प्रदेश प्रवक्ता विनय कुशवाहा ने कहा कि मोदी सरकार सिर्फ उद्योगपतियों को ही हर तरफ से लाभ दिलाने में लगी है। उस आम आदमी से कोई मतलब नहीं रह गया है।
हिंदू जागरण मंच विधि आयाम ने उठाई आवाज
हिंदू जागरण मंच काशी प्रांत विधि आयाम इलाहाबाद हाईकोर्ट इकाई की वर्चुअल बैठक में पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा व हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की निंदा की गई। साथ ही भारत के मुख्य न्यायाधीश एवं संसदीय समिति को ज्ञापन भेजने का प्रस्ताव पारित किया गया। मंच के लोगाें ने बंगाल के लोगों से लोकतांत्रिक तरीके से सत्ताधारी पार्टी के समुदाय विशेष के कार्यकर्ताओं के अत्याचार का पुरजोर विरोध करने की अपील की है। कहा कि अत्याचार के खिलाफ पीड़ति लोग भारत के मुख्य न्यायाधीश व राष्ट्रपति को शिकायत भेजकर संसद व संविधान की शक्तियों का प्रयोग कर विधि के शासन की मांग करे। मंच हर दशा में उन्हे कानूनी मदद करेगा।
मंच के प्रांत अध्यक्ष ने की यह अपील
बैठक की अध्यक्षता प्रांत अध्यक्ष दिनेश नारायण ने की। उन्होंने विशेष समुदाय से पीडि़त हिंदुओं को अपनी धर्म, संस्कृति व अस्तित्व की रक्षा करने के लिए एकजुट हो लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष करने का आह्वान किया। अमित शाकुंतल ने बंगाल में हिन्दुओ के उत्पीडऩ का मुद्दा उठाया। बैठक में हरवंश सिंह, चंद्रभान, सुभाष चंद्र, सरल सिंह, दिनेश कुमार उपाध्याय व चंद्र विजय ने भी विचार रखा। वंदेमातरम उदघोष से बैठक का समापन किया गया।