शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए क्यूएमसी का होगा गठन Prayagraj News
माध्यमिक स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करने को प्रदेश मंडल और जिला स्तर पर क्यूएमसी गठित करने का निर्णय लिया गया है। निदेशक ने निर्देश दिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए क्वालिटी मॉनीटरिंग सेल (क्यूएमसी) का गठन किया जाएगा। यह सेल प्रदेश, मंडल और जिला स्तर पर बनेगी। इस संबंध में निदेशक विनय कुमार पांडेय ने चार अक्टूबर को निर्देश जारी कर दिया है।
टीम राजकीय और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता का विश्लेषण करेगी
मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि माध्यमिक विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश, मंडल और जिला स्तर पर क्यूएमसी गठित करने का निर्णय लिया गया है। यह सेल राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में हो रहे पठन-पाठन, शिक्षा की गुणवत्ता की प्रभावी निगरानी और अन्य क्रियाकलापों का अध्ययन, अभिलेखीकरण करके विश्लेषण करेगी। प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर विद्यालयों में पठन-पाठन का वातावरण तैयार कर विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक सुझाव भी देगी। प्रदेश स्तर पर अपर शिक्षा निदेशक (व्यावसायिक शिक्षा), मंडल स्तर पर मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और जिला स्तर पर डीआइओएस इस सेल के पदेन अध्यक्ष होंगे।
सेल में यह होंगे शामिल
जिला स्तरीय सेल में पदेन अध्यक्ष के अलावा एडीआइओएस, जीआइसी के प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाचार्या सदस्य सचिव, डीआइओएस द्वारा नामित राजकीय अथवा सहायता प्राप्त विद्यालयों से एक प्रधानाचार्य व प्रधानाचार्या और एक शिक्षक एवं एक शिक्षिका सदस्य होंगी। मंडल स्तरीय सेल में पदेन अध्यक्ष के अलावा मंडलीय उप शिक्षा निदेशक सदस्य सचिव, जेडी द्वारा नामित राजकीय अथवा सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाचार्य व प्रधानाचार्या और एक-एक शिक्षक-शिक्षिका सदस्य होंगी।
बोले जिला विद्यालय निरीक्षक
जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा का कहना है कि पांच टीमें गठित कर दी गई हैं। दशहरा के बाद विद्यालयों का निरीक्षण करके उनकी जरूरतें और सुधार के लिए नवाचार समेत अन्य कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। टीमों में दो सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक, दो जीआइसी के प्रधानाचार्यों के अलावा मैं भी शामिल हूं।