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बेरोजगारी, महंगाई एवं भ्रष्टाचार से जनता त्रस्त

कांग्रेस चली गांव की ओर कार्यक्रम के तहत शनिवार को विकास खंड फूलपुर के देवनहरी गांव में पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अशफाक अहमद के नेतृत्व में चौपाल आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि आज देश में बेरोजगारी महंगाई और भ्रष्टाचार व्याप्त है। जनता त्रस्त व बेहाल है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 01:00 AM (IST)
बेरोजगारी, महंगाई एवं भ्रष्टाचार से जनता त्रस्त
बेरोजगारी, महंगाई एवं भ्रष्टाचार से जनता त्रस्त

सहसों : कांग्रेस चली गांव की ओर कार्यक्रम के तहत शनिवार को विकास खंड फूलपुर के देवनहरी गांव में पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अशफाक अहमद के नेतृत्व में चौपाल आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि आज देश में बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार व्याप्त है। जनता त्रस्त व बेहाल है। अपराध चरम पर हैं। आमजन में भय व्याप्त है। सारी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए कांग्रेस पार्टी ही एकमात्र विकल्प है। जो देश की डूबती नैया को पार लगाने में सक्षम है। अधिवक्ता देवराज उपाध्याय ने कहा कि गरीबों की थाली से दाल व सब्जियां गायब है। गरीब का पेट भरने वाला आलू व प्याज आज 50 से 75 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। इन सभी स्थितियों के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है। जिस की गलत नीतियों के आम जनमानस परेशान है। बैठक में डॉ.जगत नारायण सिंह, भोलानाथ तिवारी, रिकू तिवारी, गुलाब यादव, अशोक यादव, अहमद सलीम टाइगर, गिरधारी लाल सरोज, दिलीप कुमार दुबे, अश्वनी कुमार श्रीवास्तव, शिव कुमार मिश्रा, सुभाष चंद विश्वकर्मा, श्याम धुरिया भीम मिश्रा, सूर्यमणि पांडेय, दिलीप दुबे पस्थित रहे। अविश्वास का प्रार्थना पत्र हुआ खारिज

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बहरिया : विकास खंड बहरिया के रामपुर उर्फ दौलतपुर गांव निवासी प्रमेंद्र कुमार क्षेत्र पंचायत सदस्य वार्ड संख्या 40 द्वारा प्रमुख बहरिया कुलदीप पांडेय के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को त्रुटि पूर्ण होने के कारण जिलाधिकारी प्रयागराज द्वारा खारिज कर दिया गया।

बताया जाता है कि प्रमुख बहरिया कुलदीप पांडेय के खिलाफ प्रमेन्द्र कुमार द्वारा अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस जिलाधिकारी प्रयागराज को आइजीआरएस के माध्यम से 13 अक्टूबर को दी गई थी। इसमें उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत के अधिनियम 1961 की धारा 15 (2) के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस कुल संख्या के आधे सदस्यों के हस्ताक्षर न होने के उसे जिलाधिकारी द्वारा शासनादेश का उलंघन मानते हुए खारिज कर दिया गया।


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