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आप भी जानें, गंगा की निर्मलता को 28 हजार करोड़ की हैं परियोजनाएं Prayagraj News

केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि जल शक्ति मंंत्रालय की देखरेख में गंगा की निर्मलता को कार्य शुरू कराए गए हैं। नदी जोड़ो परियोजना परवान चढ़ रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 04:30 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 06:11 PM (IST)
आप भी जानें, गंगा की निर्मलता को 28 हजार करोड़ की हैं परियोजनाएं Prayagraj News
आप भी जानें, गंगा की निर्मलता को 28 हजार करोड़ की हैं परियोजनाएं Prayagraj News

प्रयागराज, [ज्ञानेंद्र सिंह]। गंगा की निर्मलता केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने प्रयास तेज कर दिए हैैं। केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने बताया कि गंगा की निर्मलता के लिए चलाई जा रही नमामि गंगे परियोजना में 306 प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैैं। ये कार्य लगभग 28 हजार करोड़ रुपये की लागत से पूरे किए जाएंगे। अब तक 106 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैैं।

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नमामि गंगे परियोजना के तहत यूपी में 10500 करोड़ रुपये व्यय होंगे : कटारिया

दूसरी बार सत्ता में आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल शक्ति मंत्रालय बनाया। इसके लिए अतिरिक्त बजट का निर्धारण किया गया। प्रदेश में चल रही गंगा यात्रा का प्रयागराज में स्वागत के लिए केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया भी पहुंचे थे। गुरुवार को सर्किट हाउस में उन्होंने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में नए मंत्रालय की ओर से शुरू किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नमामि गंगे परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश में लगभग 10 हजार 500 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इसमें से 768 करोड़ रुपये प्रयागराज में खर्च होंगे। प्रयागराज में नैनी, झूंसी और फाफामऊ में तीन नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का कार्य शुरू करा दिया गया है। सात सीवेज पंपिंग स्टेशन (एसपीएस) भी बनाए जाने हैैं। इस प्रोजेक्ट से 16 किमी की सीवेज पाइप लाइन भी बिछाई जानी है। 

बोले मंत्री, ड्रीम प्रोजेक्ट नदी जोड़ो योजना पर काम तेज हो गया है

केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के ड्रीम प्रोजेक्ट नदी जोड़ो योजना पर काम तेज हो गया है। देश की 30 नदियों को इसके तहत चुना गया है, जिसमें 16 नदियां द्वीपों की हैैं जबकि 14 हिमालयन क्षेत्र की हैैं। इसमें चार नदियों को आपस में जोडऩे की योजना का डीपीआर तैयार हो गया है। इसमें प्रमुख रूप से मध्य प्रदेश की केन और बेतवा भी शामिल हैैं, जिसका पानी उत्तर प्रदेश में आता है। शीघ्र ही दोनों राज्य इन नदियों के जल बंटवारे को लेकर सहमति देंगे।

खास बातें

- 10 हजार करोड़ रुपये नमामि गंगे योजना पर यूपी में होने हैैं खर्च

- 306 प्रोजेक्ट नमामि गंगे के तहत प्रस्तावित, 106 हुए पूरे

- 15 करोड़ बचे घरों को नल से जल देने को खर्च होंगे साढ़े तीन लाख करोड़

- 06 हजार करोड़ रुपये अटल भूजल योजना के तहत होंगे खर्च

पीएम कृषि सिंचाई योजना के 40 प्रोजेक्ट तैयार

इसके अलावा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 99 प्रोजेक्ट बनाए गए हैैं जिनमें 40 तैयार हो गए हैैं जबकि 40 पर काम चल रहा है। इस योजना में नदियों को जोड़कर उसके पानी से सिंचाई होनी है। इसी तरह अटल भूजल योजना भी शुरू की गई है, जिसके लिए छह हजार करोड़ रुपये का बजट है। यह योजना उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब समेत छह राज्यों में शुरू की गई है, जो कि गिरते भूजल को दुरुस्त करने के लिए है। इसमें जल संरक्षण के तहत भूजल को सुधारा जाएगा। बताया कि वर्ष 2024 तक देश में हर घर को नल से जल देने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत लगभग 15 करोड़ बचे घरों को योजना से जोड़ा जाएगा। इस पर लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे।

प्रयागराज को बाढ़ से मिलेगी राहत

नदी जोड़ो परियोजना के पहले चरण का कार्य पूरा हो जाने के बाद प्रयागराज को बाढ़ से राहत मिल जाएगी। प्रयागराज में यमुना के पानी से ही बाढ़ आती है और यमुना में मध्य प्रदेश की केन व बेतवा नदियों के उफनाने से बाढ़ आती है।


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