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आध्यात्मिक ऊर्जा से प्रयाग सराबोर

शिक्षा व राजनीति के क्षेत्र में इलाहाबाद के अप्रतिम योगदान को सराहा संगम की मनोरम छटा देख महामहिम

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Dec 2017 07:39 PM (IST)Updated: Sat, 16 Dec 2017 07:39 PM (IST)
आध्यात्मिक ऊर्जा से प्रयाग सराबोर
आध्यात्मिक ऊर्जा से प्रयाग सराबोर

ज्ञानेन्द्र सिंह, इलाहाबाद

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तीर्थो के राजा प्रयागराज के महात्म्य से महामहिम भी अभिभूत हैं। उनके मुताबिक आध्यात्मिक ऊर्जा से प्रयाग सराबोर है। अध्यात्म, शिक्षा, राजनीति और न्याय के क्षेत्रों में अप्रतिम योगदान देने वाले इलाहाबाद शहर में आकर उन्होंने बहुत प्रसन्नता का अनुभव किया। उन्होंने इसका उल्लेख विजिटर बुक में किया है।

दो दिवसीय प्रयाग प्रवास के दूसरे दिन शनिवार को महामहिम रामनाथ कोविंद की दिनचर्या सुबह 5.30 बजे शुरू हुई। सबसे पहले गुनगुना पानी लिया, फिर तुलसीयुक्त चाय के साथ उन्होंने दैनिक जागरण समेत ¨हदी और अंग्रेजी अखबारों पर सरसरी नजर डाली। इसके बाद उन्होंने 45 मिनट तक ट्रेडमिल पर एक्सरसाइज किया। रोज की तरह उन्होंने योग भी किया। स्नान और पूजा के बाद महामहिम ने विवेकानंद साहित्य प्रथम खंड की किताब लाइब्रेरी से निकालकर अवलोकन किया। हालांकि उनकी नजर वहां रखी रिवीलिंग इंडियाज पास्ट और थिकंर्स ऑफ दि ईस्ट पर भी पड़ी। दरअसल, सर्किट हाउस के त्रिवेणी सुइट में मिनी जिम और मिनी लाइब्रेरी भी बना दी गई थी। लाइब्रेरी में रामचरित मानस, श्रीमद्भगवत गीता, कुरान शरीफ, बाइबिल आदि धार्मिक पुस्तकों समेत कई नामचीन लेखकों की पुस्तकें भी रखी गईं थीं।

महामहिम ने शनिवार सुबह नाश्ते के तौर पर सिर्फ दही और जूस लिया। किचेन से जुड़े स्टॉफ की मानें तो संगम में पूजा और अर्चना तथा बड़े हनुमान मंदिर में माथा टेकना था इसलिए उन्होंने कुछ नहीं खाया। हालांकि टेबल पर आलू पराठे, पनीर पराठे, जलेबियां, पास्ता, ब्रेड-बटर, वेज कबाब, सूप, फिल्टर कॉफी परोस दिया गया था। महामहिम तैयार हुए तो उनसे सर्किट हाउस के ही संगम सुइट में ठहरे राज्यपाल और गंगा सुइट में ठहरे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलाकात की। फिर थोड़ी ही देर में महामहिम की फ्लीट सर्किट हाउस से निकल गई।

तय समय से 40 मिनट अधिक रुक गए

सर्किट हाउस छोड़ने के पहले प्रयाग के आतिथ्य से भाव विभोर महामहिम ने विजिटर बुक में प्रयाग के आतिथ्य को सराहा। उन्होंने खुद ¨हदी में लिखा कि 'यहां का आतिथ्य सराहनीय है।' उन्होंने संगम की छटा का भी बखान किया। लिखा, आध्यात्मिक शहर में आकर उन्हें काफी प्रसन्नता हुई। दरअसल, संगम क्षेत्र पहुंचे तो वहां मनोरम दृश्य देख वह अभिभूत हो गए। इसीलिए वहां तय समय से वह 40 मिनट अधिक रुक गए।

स्टीमर से संगम का किया भ्रमण

स्टीमर से उन्होंने संगम का भ्रमण किया। शिक्षा, राजनीति और न्याय के क्षेत्रों का भी उन्होंने उल्लेख किया। देश को चार प्रधानमंत्री और प्रदेश को एक मुख्यमंत्री देने वाले शहर की राजनीतिक पहचान भी है। शिक्षा के क्षेत्र में तो इलाहाबाद अग्रणी रहा ही है। हाईकोर्ट के चलते न्याय के क्षेत्र में यहां की गिनती चुनिंदा शहरों में की जाती है।


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