मथुरा के उदासीन कार्ष्णि आश्रम के हिरणों को चांद खमरिया स्थानांतरित करने की तैयारी Prayagraj News
हिरणों के संरक्षण के लिए कवायद तेज कर दी गई है। मथुरा के उदासीन कार्ष्णि आश्रम से हिरणों को यहां लाने की योजना है। उन्हें मेजा स्थित चांद खमरिया में रखा जाएगा।
प्रयागराज, जेएनएन। काले हिरणों के अभ्यारण्य के लिए सूबे में प्रसिद्ध मेजा क्षेत्र के चांद खमरिया में मथुरा के उदासीन कार्ष्णि आश्रम में रहने वाले हिरणों को स्थानांतरित करने की कवायद तेज हो गई है। करीब दो महीने पहले आगरा सर्किल के वन विभाग के अफसर चांद खमरिया का जायजा लेने आए थे। अफसरों ने इस जगह को हिरणों के अभ्यारण्य के लिए उपयुक्त पाया था। तभी हिरणों को यहां लाने पर सहमति बन गई थी। खास बातें
- दो माह पहले हिरणों को लाने पर बनी थी सहमति
- आगरा सर्किल के अफसर आए थे चांद खमरिया का जायजा लेने
- हिरणों को रखने के लिए बनाए जाएंगे छोटे-छोटे पिंजरे
चांद खमरिया में हिरणों के अभ्यारण्य क्षेत्र देखने आए थे अफसर
अफसर जब चांद खमरिया में काले हिरणों (ब्लैक बक) के अभ्यारण्य क्षेत्र को देखने के लिए आए थे तो उस समय आगरा के सिकंदरा स्मारक (मोनोमेंट) में रहने वाले हिरणों को यहां स्थानांतरित करने को लेकर वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों से बात हुई थी। आगरा सर्किल में मथुरा भी आता है, इसलिए अब उदासीन काष्र्णि आश्रम के संरक्षण में रहने वाले 395 हिरणों को यहां लाने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
यहां शुरू में उन्हें रहने के लिए छोटे-छोटे पिंजरे बनाए जाएंगे
डीएफओ वाईपी शुक्ला ने बताया कि वहां के अफसर अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के लिए यहां आवेदन करेंगे। एनओसी मिलने के बाद हिरण वहां से भेजे जाएंगे। यहां शुरू में उन्हें रहने के लिए छोटे-छोटे पिंजरे बनाए जाएंगे। इन पिंजरों में रहने के दौरान धीरे-धीरे जब वह जंगल में रहने के अभ्यस्त हो जाएंगे तो उन्हें समीप के जंगल में छोड़ दिया जाएगा।