Prayagraj Violence: पांच उपद्रवियों को नहीं मिली जमानत, AIMIM जिलाध्यक्ष ने भी दी अर्जी
अदालत ने कहा कि मामला राहगीरों पुलिस बल पर पथराव गोली और बम से हमला का है। बल प्रयोग कर नियंत्रित किया गया था। तमाम लोग घायल हुए। संपत्ति को आग लगाकर नष्ट किया गया। ऐसी स्थिति में जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार करने का कोई आधार पर्याप्त नहीं है।
प्रयागराज, जेएनएन। भाजपा से निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जुमे की नमाज के बाद अटाला बवाल के मामले मेंं पांच उपद्रवियों की जमानत अर्जी जिला न्यायालय ने खारिज कर दी है।
अपर सत्र न्यायाधीश मृदुल कुमार मिश्र ने सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अखिलेश सिंह बिसेन एवं आरोपितों के जमानत अर्जी पर उनके अधिवक्ताओं के विस्तृत तर्कों को सुनने एवं पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए कागजातों का अवलोकन करने के बाद अर्जी नामंजूर की। अटाला में बवाल के आरोपित मोहम्मद रिजवान सईद, जुबेर अली, फजल अली, तौफीक व मोहम्मद कादिर की ओर से कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की गई थी। अदालत ने कहा कि मामला राहगीरों, पुलिस बल पर पथराव करने, गोली और बम से हमला करने का है। अतिरिक्त बल का प्रयोग कर नियंत्रित किया गया था। तमाम लोग घायल हुए एवं संपत्ति को आग लगाकर नष्ट किया गया। ऐसी स्थिति में जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार की जाने का कोई आधार पर्याप्त नहीं है।
अखलाक और अब्दुल रहमान की कस्टडी मंजूर
प्रयागराज : अटाला बवाल के आरोपित अखलाक अली व अब्दुल रहमान की पुलिस कस्टडी रिमांड कोर्ट से मंजूर हो गई है। अब करेली पुलिस मंगलवार सुबह दोनों को नैनी जेल से लाकर पूछताछ करेगी। कहा जा रहा है कि अखलाक से पूछताछ में कुछ और उपद्रवियों को नाम सामने आ सकता है। कुछ दिन पहले उसकी पोस्टर के जरिए पहचान हुई थी, जिसके बाद गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
एआइएमआइएम के जिलाध्यक्ष ने दी अर्जी
प्रयागराज : बवाल के आरोपित एआइएमआइएम के जिलाध्यक्ष शाह आलम ने जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी दी है। मामले की सुनवाई एक जुलाई को अपर सेशन जज आरके शुक्ल की अदालत में होगी। जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने थाने से कागजात तलब करने के लिए अदालत से समय देने की याचना की। इस पर अदालत ने अभियोजन पक्ष से सभी कागजात तलब करने का निर्देश दिया। शाह आलम की ओर से सेशन कोर्ट के समक्ष अग्रिम जमानत की अर्जी पेश की गई है, जिसमें खुद को बेगुनाह बताते हुए गिरफ्तारी से पूर्व जमानत स्वीकार किए जाने की अदालत से मांग की गई है।