Prayagraj Violence: अटाला बवाल के लिए कानपुर से इशारा मिलने पर रची गई थी साजिश
जावेद पंप की कानपुर के महल मोहल्ले में एक सहयोगी से लगातार मोबाइल पर बात हो रही थी। सहयोगी के कहने पर हीएक गेस्ट हाउस में करीब 100 प्रभावशाली व्यक्ति की बैठक हुई थी। रणनीति तैयार की गई कि 10 जून को नमाज के बाद प्रदर्शन किया जाना है
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अटाला में हुए बवाल की साजिश कानपुर से मिले निर्देश पर रची गई थी। बवाल के मास्टरमाइंड जावेद पंप की कानपुर के महल मोहल्ले में रहने वाले एक सहयोगी से लगातार मोबाइल पर बात हो रही थी। सहयोगी के कहने पर ही शहर के एक गेस्ट हाउस में करीब 100 प्रभावशाली व्यक्ति की बैठक हुई थी। इसमें रणनीति तैयार की गई थी कि 10 जून को नमाज के बाद सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया जाना है। अवरोध बनने वालों को माकूल जवाब दिया जाएगा।
गेस्ट हाउस में जुटे सभी लोगों को लक्ष्य दिया गया था कि वह भी 100-100 लोगों को विरोध-प्रदर्शन करने के लिए तैयार करें। हिदायत दी गई थी कि कोई भी शख्स फोन पर इस संबंध में बातचीत नहीं करेगा। बवाल की जांच के दौरान मास्टरमाइंड जावेद पंप का कनेक्शन सामने आया है। ऐसा पुलिस अधिकारियों का कहना है।
उपद्रव से एक रोज पहले करीब डेढ़ घंटे तक फोन पर कानपुर में की थी बात
पुलिस ने यह भी दावा किया है कि पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर जावेद पंप से पूछताछ की गई तो कई चौंंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। उसने स्वीकार किया कि कानपुर में तीन जून को हुई हिंसा के अगले दिन फेसबुक पर सरकार और न्यायपालिका के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद गेस्ट हाउस में बैठक करके विरोध-प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी। उसने कई और व्यक्तियों का नाम उजागर किया है, जिसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस का कहना है कि जावेद पंप के मोबाइल की काल डिटेल रिपोर्ट से पता चला है कि उसने नौ जून को बवाल से पहले कानपुर में रहने वाले अपने सहयोगी से करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत की थी। इससे पहले वह लगातार उस व्यक्ति के संपर्क में रहा, जिसके आधार पर माना गया है कि कानपुर के लोगों ने ही जावेद को फंडिंग की थी। प्रयागराज के उपद्रव में कानपुर के कुछ लोगों के शामिल होने की आशंका है।
आफरीन के ‘ओके’ करने पर करता था पोस्ट
पुलिस का कहना है कि जावेद जेएनयू में पढ़ने वाली अपनी बेटी आफरीन फातिमा को संदेश भेजता था, जब वह ‘ओके’ करती थी, तब उसे फेसबुक पर पोस्ट करता था। बवाल से पहले भी अपनी बेटी को मैसेज दिखाने के बाद ही पोस्ट करता था। इस आधार पर माना जा रहा है कि जावेद की बात का आफरीन समर्थन करती थी।
एसएसपी ने यह बताया
जावेद पंप की कानपुर के सहयोगी से लगातार बातचीत हो रही थी। वहां से फीडिंग की गई, जिसके बाद यहां गुप्त बैठक हुई। बेटी को संदेश दिखाने पर ही जावेद पोस्ट करता था।
- अजय कुमार, एसएसपी