स्मार्टनेस में राजधानी से आगे प्रयागराज, स्मार्ट सिटी रैंकिंग में मिला 38वां स्थान
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से स्मार्ट सिटी रैंकिंग जारी हुई है। इसमें प्रयागराज शहर को 38वां स्थान हासिल हुआ है। प्रथम स्थान पर नागपुर काबिज है।
प्रयागराज : दो साल पहले स्मार्ट सिटी की रेस में शामिल हुए प्रयागराज ने खासी तरक्की की है। स्मार्टनेस की होड़ में प्रदेश की राजधानी लखनऊ को पीछे छोड़ते हुए देश में 38वां स्थान हासिल किया है। हालांकि अंकों के आधार पर वह अभी प्रदेश के झांसी, आगरा, कानपुर और वाराणसी जैसे शहरों से बेहद पीछे है।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भले ही सरकार विराजती हो, लेकिन स्मार्टनेस में कुंभ का आयोजन करने वाले प्रयागराज ने उसे पीछे छोड़ दिया है। जबकि लखनऊ पहले ही राउंड में स्मार्ट सिटी में शामिल हो गया था, जबकि प्रयागराज को यह सफलता तीसरे राउंड में मिली है। शुक्रवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी स्मार्ट सिटी रैंकिंग में शहर को 38वां स्थान हासिल हुआ। जबकि लखनऊ को 40वां स्थान मिला।
नागपुर है पहले स्थान पर काबिज
देश में पहला स्थान 360.21 अंकों के साथ नागपुर को हासिल हुआ है। शहर को मिली इस सफलता के पीछे कुंभ के आयोजन में हुए बड़े पैमाने पर निर्माण कार्यों को जिम्मेदार माना जा रहा है। हालांकि इस रैंकिंग का एक दूसरा पहलू यह है कि प्रयागराज झांसी, वाराणसी, कानपुर और आगरा से अंकों के मामले में बेहद पीछे है। इसलिए उसे इन शहरों को पीछे छोडऩे के लिए बड़े पैमाने पर काम करने होंगे।
अधिकारियों ने कहा, अगली रैंकिंग में टॉप कर सकते हैं सूबे में
इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि बेसिक चीजों पर यहां तैयारी बहुत बेहतर हो गई है। कुछ काम कुंभ के चक्कर में कराए नहीं जा सके हैं। जल्द ही यह काम पूरे हो जाएंगे तो अगली रैंकिंग में प्रयागराज सूबे में टॉप रैंकिंग पा सकता है।
इन मामलों में स्मार्ट है अपना शहर
- प्रयागराज में प्रदेश का पहला इंटीग्रेेटेड कंट्रोल कमांड एंड सेंटर बना है। यह बेहद एडवांस सिस्टम होने के कारण स्मार्ट सिटी में बेहतर अंक हासिल हुए।
- शहर में 12 पार्क में ओपन जिम खोले गए हैं। कई चौराहों व पार्कों का सुंदरीकरण हुआ है।
- शहर की अधिकांश सड़कें अतिक्रमण मुक्त और चौड़ी हुई हैं। सुगम यातायात का बेहतर उपाय हुआ है।
- सीवर लाइन और जलापूर्ति की दिशा में भी शहर में बड़े पैमाने पर काम हुआ है।
क्या रही हैं खामियां
- शहर में वेंडिंग जोन अब तक नहीं बन पाया है। हालांकि इसके लिए तैयारी लगभग पूरी है। 25 वेंडिंग जोन चिह्नित हैं और 10 तैयार हैं।
- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का काम पूरा नहीं हुआ, कचरे के वर्गीकरण का काम भी ढंग से नहीं हो पाया।
- विभिन्न तरह के एप बनाकर नागरिकों को उससे जोडऩे और ई-गवर्नेंस का काम भी नहीं हुआ।
हमारी तैयारी बहुत अच्छी है : ऋतु सुहास
अपर नगर आयुक्त ऋतु सुहास का कहना है कि हमारी तैयारी बहुत अच्छी है। कुंभ के पश्चात वेंडिंग जोन, कचरा प्रबंधन, लोकल एप और ई-गवर्नेस पर तेजी से काम होगा। इस दिशा में काफी काम हो चुका है। उम्मीद है कि अगली रैंकिंग में हम देश के टॉप टेन और यूपी में टॉप पर होंगे।
मंत्रालय ने कैसे की रेटिंग
शहरी विकास मंत्रालय ने 98 शहरों के बीच रेटिंग के दौरान वैल्यू ऑफ टेंडर इश्यू, वैल्यू ऑफ वर्क आर्डर, वैल्यू ऑफ वर्क कंप्लीट और वैल्यू ऑफ यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट को देखते हुए सूची बनाई।
यूपी के शहरों की रेटिंग
सूची में नंबर (शहर) स्कोर
नौ पर झांसी 181.74
12 पर वाराणसी 156.11
13वें पर कानपुर 154.11
18वें पर आगरा 137.6
38वें पर प्रयागराज 74.5
40वें पर लखनऊ 72.26
71वें पर अलीगढ़ 23.08
89वें पर बरेली 4.2
97वें पर मुरादाबाद 0.23