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82 वर्षीय रिटायर दरोगा ने कनपटी पर गोली मारकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट भी छोड़ा

सब इंस्पेक्टर पद से रिटायर होने के बाद सरायइनायत इलाके के दक्षिणी कोटवा गांव में रहने वाले 82 वर्षीय राघव प्रताप सिंह ने लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मार ली। वहीं उनकी मौत हो गई। खबर फैली तो सराय इनायत थाने की पुलिस पहुंची और बंदूक कब्जे में ली।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 04:28 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 08:01 PM (IST)
82 वर्षीय रिटायर दरोगा ने कनपटी पर गोली मारकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट भी छोड़ा
रिटायर सब इंस्पेक्टर की आत्महत्या की खबर के बाद मौके पर जुटे पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी

प्रयागराज, जेएनएन। 82 वर्ष की उम्र में आत्महत्या और वह भी पुलिस विभाग से रिटायर सब इंस्पेक्टर ने की, यह सुनकर कोई भी हैरान रह जाए लेकिन ऐसा सच में हुआ। सब इंस्पेक्टर पद से रिटायर होने के बाद सरायइनायत इलाके के दक्षिणी कोटवा गांव में रहने वाले 82 वर्षीय राघव प्रताप सिंह ने लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मार ली। वहीं उनकी मौत हो गई। खबर फैली तो सराय इनायत थाने की पुलिस पहुंची और बंदूक कब्जे में ली। पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट से पता चला कि आत्महत्या के पीछे लंबी बीमारी है। एसपी गंगापार और सीओ फूलपुर ने भी घटनास्थल पर जाकर निरीक्षण किया और परिवार के लोगों से बात की।

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भोजन के बाद बंदूक लेकर निकले बाहर और तभी हुआ फायर

तकरीबन 22 साल पहले पुलिस विभाग से रिटायर होने के बाद राघव प्रताप सिंह दक्षिणी कोटवा में जीवन यापन कर रहे थे। गुरुवार दोपहर भोजन के बाद उन्होंने लाइसेंसी बंदूक उठाई और यह कहते हुए घर के बाहर निकल गए कि थाने में जमा थी इसलिए इसकी सफाई करनी है। वह बंदूक लेकर घर के बाहर कुर्सी पर बैठ गए। तभी फायरिंग की आवाज सुनकर परिवार के लोग बाहर निकले तो देखा कि राघव प्रताप कुर्सी के पास जमीन पर गिरे हैं। उनका सिर क्षतिग्रस्त हो गया था। पास में बंदूक पड़ी थी। गोली लगने से राघव प्रताप की मौत हो गई थी।

सुसाइड नोट से साफ हुआ कि खुद मार ली गोली

कुछ देर में खबर पाकर सराय इनायत थाने की पुलिस के साथ सीओ और एसपी गंगापार भी वहां पहुंच गए। पुलिस ने राघव प्रताप के कमरे का निरीक्षण किया तो दो पन्ने का सुसाइड नोट मिला जिसे पढ़ने से पता चला कि वह बीमारी से परेशान थे इसलिए जान दे दी। यह भी लिखा था कि उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं है और उनके शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जाए। कुछ और भी बातें लिखी थीं। परिवार के लोगों ने बताया कि पिछले दिनों वह 15 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे थे। पुलिस का कहना है कि छानबीन में साफ हो गया कि यह सुसाइड केस है।


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