आयशा नूरी की अर्जी पर कोर्ट ने थाने से मांगी स्पष्ट आख्या, पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में बनाया है आरोपी
उमेश पाल हत्याकांड में आयशा नूरी के आत्मसमर्पण की अर्जी पर सीजेएम कोर्ट में पत्रावली पेश की गई। मामले में दोनों पक्ष से कोई नहीं मौजूद था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया कि धूमनगंज थाने को समन जारी किया जाए कि चार जून को स्पष्ट आख्या प्रस्तुत करें।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड में आयशा नूरी के आत्मसमर्पण की अर्जी पर सोमवार को सीजेएम कोर्ट में पत्रावली पेश की गई। मामले में दोनों पक्ष से कोई नहीं मौजूद था। पत्रावली का अवलोकन करने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने आदेश दिया कि धूमनगंज थाने को समन जारी किया जाए कि चार जून को स्पष्ट आख्या प्रस्तुत की जाए।
उल्लेखनीय है कि अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी को भी पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में शूटरों की मदद करने का आरोपित बनाया है। पुलिस ने अपनी आख्या में लिखा था कि अभी जांच प्रचलित है और साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं।
15 अप्रैल को हुई थी अतीक-अशरफ की हत्या
अतीक-अशरफ को उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस ने रिमांड पर लिया था। हत्या वाले दिन दोनों पुलिस के साथ निशानदेही के लिए गए थे। वापसी में उनका मेडिकल काल्विन अस्पताल में हुआ था। वहां से निकलने के बाद मीडिया कर्मियों के वेश में आए अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी और सनी ने मौका पाते ही अतीक-अशरफ को गोलियों से भून दिया था।
24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या
24 फरवरी को प्रयागराज में विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह रहे उमेश पाल और उसके दो सरकारी गनर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से इस हत्याकांड की जांच शुरू की तो उसमें माफिया अतीक अहमद का बेटा उमेश पाल पर गोलियां बरसाते हुए नजर आ रहा आया। पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल 4 आरोपितों को मुठभेड़ में मार गिराया, बाकी अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।