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मवेशियों को बचाने की कोशिश में गंवा दी अपनी जान, प्रयागराज में ट्रेन की चपेट में आकर पशुपालक की मौत

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक शख्स ने अपने मवेशियों को बचाने के जक्कर में अपनी जान गंवा दी। ऐसा वाकया हुआ है प्रयागराज के यमुनापार इलाके में औद्योगिक थाना क्षेत्र में। बुधवार की दोपहर मवेशियों को बचाने के दौरान ट्रेन की चपेट में आकर पशुपालक की मौत हो गई।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 30 Nov 2022 02:31 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 02:31 PM (IST)
मवेशियों को बचाने के दौरान ट्रेन की चपेट में आकर पशुपालक की मौत हो गई।

प्रयागराज, जेएनएन। लोग रेलवे ट्रैक पार करते वक्त हड़बड़ी या लापरवाही में अक्सर ट्रेन की चपेट में आकर मौत का शिकार हो जाते हैं लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक शख्स ने अपने पालतू मवेशियों को बचाने के जक्कर में अपनी जान गंवा दी। ऐसा वाकया हुआ है प्रयागराज के यमुनापार इलाके में औद्योगिक थाना क्षेत्र में।

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रामपुर पुलिस चौकी के पास बुधवार की दोपहर मवेशियों को बचाने के दौरान ट्रेन की चपेट में आकर पशुपालक की मौत हो गई। इस दौरान ट्रेन की टक्कर से एक भैंस ने भी दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी होते ही परिवार के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और शव को घर पर उठा लाए। इस बारे में खबर पाकर पहुंची पुलिस ने घरवालों को समझा-बुझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

पल भर में आ गई ट्रेन और पड़ा मौत का झपट्टा

औद्योगिक थाना क्षेत्र के हल्दी मुंगारी निवासी मानिक यादव (50) पुत्र पुरुषोत्तम बुधवार दोपहर रामपुर पुलिस चौकी के नजदीक से गुजरे रेलवे लाइन के पास मवेशियों को चरा रहे थे। इस दौरान उनकी दो भैंसें रेलवे पटरी पर आ गईं। सामने से ट्रेन आती देख मानिक यादव ने भैंसों को हटाने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही पल में वह और दोनों मवेशी ट्रेन की चपेट में आ गए। ट्रेन की टक्कर से पशुपालक मानिक यादव और एक भैंस की मौत हो गई। दूसरी भैंस की हालत ट्रेन की टक्कर से गंभीर बनी हुई है। कुछ देर बाद घटना के बारे में पता चला तो परिवार के लोग पहुंच गए। वे रोते-बिलखते रेलवे ट्रैक से मानिक यादव के शव को उठाकर घर ले गए।

जानकारी मिली तो करछना थाना प्रभारी संजीव चौबे पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव का पंचनामा भरा। मानिक की मौत से परिवार में मातम छाया है तो लोग स्तब्ध हैं कि भैंस को बचाने में उसने जान गंवा दी। हालांकि लोगों का यह भी कहना है कि लाखों रुपये कीमत की भैंस से ही परिवार का गुजारा होता है इसलिए कोई भी पशुपालक मवेशियों को बचाने की कोशिश करेगा ही।


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