Prayagraj News: प्रयागराज की सड़कों पर निकलने से पहले हो जाएं सावधान, 11 हजार ‘नौसिखिए’ दौड़ा रहे ई-रिक्शा
शहर की सड़कों पर लगभग 15 हजार ई-रिक्शा फर्राटा भर रहे हैं लेकिन इनमें से सिर्फ 3950 के पास ही लाइसेंस है जबकि ई-रिक्शा के लिए भी ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य है लेकिन न चालक सुधि ले रहे और न कंपनियों को कोई चिंता है।
प्रयागराज [अनुराग श्रीवास्तव]। सड़क पर चलते समय आपको सतर्क रहना होगा, क्योंकि शहर की सड़क पर करीब 11 हजार नौसिखिए (अप्रशिक्षित चालक) ई-रिक्शा चला रहे हैं। इनकी वजह से यातायात व्यवस्था भी बेपटरी हो गई है। शहर की सड़कों पर लगभग 15 हजार ई-रिक्शा फर्राटा भर रहे हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 3950 के पास ही लाइसेंस है, जबकि ई-रिक्शा के लिए भी ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य है, लेकिन न चालक सुधि ले रहे और न कंपनियों को कोई चिंता है।
परिवहन विभाग और यातायात पुलिस भी उदासीन है। कई बार कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति भी की जाती है। लेकिन, हालात फिर जस के तस हो जाते हैं। यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
जाम की बड़ी वजह लापरवाही
ई-रिक्शा जाम और दुर्घटना के कारण बनते जा रहे हैं। बैरहना के शरद गुप्ता बताते हैं कि मनबढ़ ई-रिक्शा चालकों की लापरवाही से यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। ओल्ड लश्कर लाइन के रहने वाले अजय मिश्र का कहना है कि इनका रूट भी तय किया जाना चाहिए। छोटा बघाड़ा के अरुण यादव एडवोकेट ने बताया कि एलनगंज रेलवे क्रासिंग व शहर की बाजारों में इन चालकों की मनमानी चरम पर है।
ई-रिक्शा के लाइसेंस की प्रक्रिया
ई-रिक्शा की बिक्री करने वाली कंपनी ही चालकों को प्रशिक्षित करती है। 10 दिन के प्रशिक्षण के बाद कंपनी प्रमाण पत्र भी जारी करती है। प्रमाण पत्र के आधार पर चालक लाइसेंस के लिए आनलाइन आवेदन करते हैं।
इन्होंने कहा…
ई-रिक्शा चालकों को जागरूक करने के साथ ही अभियान चलाकर इनका लाइसेंस भी बनवाया जाएगा। इसके बावजूद लाइसेंस नहीं बनवाने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा।
- राजीव चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रशासन।