Prayagraj Magh Mela 2022: पूरब वाहिनी हुईं गंगा, कटान से 40 बड़ी संस्थाओं को जमीन का संकट
Prayagraj Magh Mela 2022 पिछले साल की अपेक्षा इस बार गंगा ने दोनों तरफ 14-14 सौ फीट तक कटान कर दिया है। इस कटान के चलते संगम के निकट की कई हेक्टेयर जमीन कट कई है। इस कटान से सेक्टर दो तीन और चार सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज माघ मेला 2022 बसाने की तैयारी में गंगा के कटान खलल डाल रही है। पिछले कई दिनों से गंगा में बढ़ा जलस्तर लगातार कटान कर रहा है। अब गंगा पूरब वाहिनी हो गई हैं और झूंसी की तरफ तेजी से कटान हो रहा है। खासकर महावीर मार्ग की तरफ कटान अधिक हो गया है। कटान के चलते इस बार 40 बड़ी संस्थाओं को पिछले साल की तरह उनको गंगा किनारे जमीन नहीं मिल जाएगी। उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा।
गंगा कटान से मेला प्रशासन के अफसर परेशान
गंगा के रुख को देखते हुए मेला बसाने में जुटे प्रशासन के अफसर परेशान हैं। इस बार बाढ़ का पानी देर तक था। बाढ़ खत्म होने के बाद भी बीच-बीच में जलस्तर बढ़ता रहा। पिछले दिनों नरौरा और कानपुर से पानी छोड़ा गया। इसलिए यहां पर कटान तेजी से हुआ। पिछले दिनों सेक्टर एक और दो ओर कटान हुआ था। अब सेक्टर तीन और चार में कटान हो रहा है।
40 बड़ी संस्थाओं को शिफ्ट करने की तैयारी
मेला प्रशासन ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार गंगा ने दोनों तरफ 14-14 सौ फीट तक कटान कर दिया है। इस कटान के चलते संगम के निकट की कई हेक्टेयर जमीन कट कई है। इस कटान से सेक्टर दो, तीन और चार सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। त्रिवेणी मार्ग पर बड़े संतों के पंडाल लगते थे, लेकिन इस मार्ग पर ज्यादा कटान हो गया है। ऐसे में 40 बड़ी संस्थाओं को सेक्टर पांच की ओर नागवासुकि के सामने शिफ्ट किया जा सकता है।
गंगा कटान रोकने के लिए सिंचाई विभाग के अफसरों को कहा गया
फिलहाल गंगा के कटान को रोकने के लिए सिंचाई विभाग के अफसरों को कहा गया है। उस विभाग ने कटान रोकने के लिए करोड़ों का टेंडर भी किया है, लेकिन उन्होंने अब तक कोई काम नहीं किया है। इसलिए मेले की जमीन कटती जा रही है।