प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अब जागा प्रयागराज विकास प्राधिकरण Prayagraj News
प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार ने एडवाइजरी भी जारी की। लेकिन प्रयागराज में उस पर खास अमल नहीं हो सका। अब पीडीए प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए पहल की है।
प्रयागराज,जेएनएन : दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद आदि शहर की भांति प्रयागराज में भी वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। शुक्रवार को भी जानसेनगंज, लीडर रोड, सोहबतियाबाग आदि इलाकों में पीएम 10 तय मानक से अधिक 283 तक पहुंच गया। लेकिन, जिला प्रशासन ने प्रदूषण से निपटने के लिए समय रहते खास कदम नहीं उठाए। देर से ही सही लेकिन प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए पहल की है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए जारी किए निर्देश
इस संबंध में पीडीए की ओर से सार्वजनिक सूचना जारी की गई है, जिसमें निर्माण सामग्री को निर्धारित स्थलों पर ढककर रखने, उस पर पानी का छिड़काव, निर्माण सामग्री की ढुलाई के दौरान उसे ढककर ले जाने आदि का फरमान जारी किया गया है।
निर्देश के उल्लंघन पर जुर्मोने का प्रावधान
इसका उल्लंघन करने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। प्रयागराज में दीपावली के दौरान पीएम 10 खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, उस दौरान अशोक नगर, कटरा, रामबाग, जानसेनगंज, सोहबतियाबाग आदि इलाकों में पीएम 10 तय मानक से छह गुना तक बढ़ गया था। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार ने एडवाइजरी भी जारी की। लेकिन, प्रयागराज में उस पर खास अमल नहीं हो सका। इस बीच पीडीए ने प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए शुक्रवार को सार्वजनिक सूचना जारी की है।
पांच हजार रुपये तक वसूला जाएगा जुर्माना
पीडीए के सचिव दयानंद प्रसाद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में सार्वजनिक सूचना जारी की गई। संबंधित लोगों, विभागों को इसका शत प्रतिशत पालन करना होगा। इसका उल्लंघन करने पर एनजीटी के नियमों के तहत पांच हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा।
पीडीए की ओर से जारी सूचना
- निर्माण सामग्री को निर्धारित स्थलों पर ढककर रखा जाए और पानी का छिड़काव जरूर किया जाए।
- निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों के टायरों, बॉडी की भलीभांति धुलाई के बाद ही सामान की ढुलाई की जाए और उसे ढककर एक से दूसरे स्थान पर ले जाया जाए।
- निर्माण एवं ध्वस्तीकरण से जनित अपशिष्ट को निर्धारित स्थल तक ढककर ले जाया जाए, सड़कों के किनारे अनियंत्रित रूप से एकत्रित न किया जाए।
- पेड़ों से झडऩे वाली पत्तियों और उद्यानों से निकलने वाले अपशिष्ट को जलाया न जाए। उसका निर्धारित स्थलों पर कम्पोस्ट पिट बनाकर निस्तारण किया जाएगा।