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सीओ जियाउल हक हत्याकांड से सूबे की सियासत में आया था भूचाल, यह था पूरा मामला

आक्रोशित लोगों ने सीओ को पीट-पीटकर मरणासन्न कर दिया और फिर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में सीओ की पत्नी परवीन आजाद ने हथिगवां थाने में रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया और उनके करीबियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 19 Dec 2021 04:29 PM (IST)Updated: Sun, 19 Dec 2021 04:29 PM (IST)
प्रतापगढ़ में सीओ जियाउल हक हत्‍याकांड को लेकर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल मच गई थी।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ में आठ साल पहले कुंडा के सीओ रहे जियाउल हक की हत्या से सूबे की सियासत में भूचाल आ गया था। इस हत्या में आरोप लगने पर रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सीबीआइ ने जांच के बाद राजा भैया व उनके करीबियों को क्लीन चिट दे दी थी। अब एक बार फिर इस हत्याकांड की जांच पुन: शुरू होने की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है।

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हथिगवा थाना क्षेत्र के बलीपुर गांव के प्रधान नन्हे यादव की चुनावी रंजिश को लेकर दो मार्च 2013 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना से आक्रोशित प्रधान के परिवार के लोगों ने आरोपित कामता पाल के घर धावा बोलकर उसका घर फूंक दिया था। इसके बाद आक्रोशित लोग संजय सिंह उर्फ गुड्डू के घर की ओर बढ़ रहे थे। इस बीच घटना की जानकारी होने पर फोर्स के साथ सीओ कुंडा रहे जियाउल हक ने आक्रोशित लोगों को आगे से बढऩे रोकने की कोशिश की तो प्रधान के भाई सुरेश यादव ने उनके सिर पर बंदूक की बट से हमला कर दिया था। बंदूक की छीना झपटी में हुए फायर से गोली लगने से सुरेश यादव की मौके पर मौत हो गई थी।

आक्रोशित लोगों ने सीओ को पीट-पीटकर मरणासन्न कर दिया और फिर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में सीओ की पत्नी परवीन आजाद ने हथिगवां थाने में रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया और उनके करीबियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। उस समय अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे राजा भैया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और घटना की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। उस समय सीओ की हत्या से सूबे की राजनीति में भूचाल आ गया था। देवरिया में जियाउल हक के परिवार के लोग धरने पर बैठ गए थे। वहां स्वजनों को सांत्वना जताने और आर्थिक मदद देने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व कैबिनेट मंत्री आजम खां गए थे।

सीबीआइ ने पूरे घटनाक्रम की जांच की थी। जांच के बाद सीबीआइ ने राजा भैया उनके करीबियों को क्लीन चिट देते हुए उस मुकदमे में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। इसके खिलाफ परवीन आजाद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने घटना का दोबारा जांच करने का आदेश दिया। इस बीच सीओ जियाउल हक हत्याकांड की जांच पुन: शुरू होने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।


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