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पुलिस ने नकली नोटों के साथ तीन सप्लायरों को दबोचा

नेपाल के रास्ते भारत में लाई जा रही साठ हजार की जाली करेंसी बरामद कर पुलिस ने तीन सप्लायरों को गिरफ्तार किया है। पकड़ी गई करेंसी में पांच सौ व सौ रुपये के नोट शामिल हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 09:31 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2019 09:31 PM (IST)
पुलिस ने नकली नोटों के साथ तीन सप्लायरों को दबोचा

प्रयागराज : नेपाल के रास्ते भारत में लाई जा रही साठ हजार की जाली करेंसी बरामद कर पुलिस ने तीन सप्लायरों को गिरफ्तार किया है। पकड़ी गई करेंसी में पांच सौ व सौ रुपये के नोट शामिल हैं। गिरोह तीन साल से नकली नोटों की सप्लाई कर रहा था। नेपाल से नोट लाने वाला मुख्य आरोपित भदोही का अनीस फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम भदोही भेजी गई है। अनीस के पकड़े जाने के बाद नकली नोटों के धंधे से जुड़े अन्य बदमाशों का सुराग मिलेगा।

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नकली नोटों की सप्लाई करने वाले गिरोह के बारे में क्राइम ब्रांच को काफी दिनों से सूचनाएं मिल रही थीं। एसपी क्राइम आशुतोष मिश्र के मुताबिक, गुरुवार की रात क्राइम ब्रांच को पता चला कि कुछ धंधेबाज हंडिया के बगहा ओवर ब्रिज के पास से निकलने वाले हैं। हंडिया पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच ने घेराबंदी कर पवन कुमार दुबे पुत्र राम प्रकाश दुबे, आशुतोष कुमार वर्मा पुत्र राजेंद्र कुमार निवासीगण लच्छाग्राह, हंडिया और शिवचंद्र उपाध्याय पुत्र सीताराम उपाध्याय निवासी कोकड़, थाना सुरियांवा, भदोही को गिरफ्तार कर लिया। बदमाशों के पास से साठ हजार रुपये के नकली नोट और चौदह हजार रुपये के असली नोट बरामद हुए। 50 हजार रुपये की पांच सौ वाली नई नोटों की जाली करेंसी मिली। जबकि सौ रुपये के नोटों के रूप में दस हजार मिले हैं। गिरोह के पास से दो बाइक और दो मोबाइल भी मिले हैं। एसपी के मुताबिक, इन तीनों को नकली नोट भदोही के सुरियांवा थाना क्षेत्र के सनाथपुर गांव का रहने वाला अनीस देता है। नकली नोट कहां छपते हैं, कहां से आते हैं, इस बारे में सारी जानकारी अनीस के पकड़े जाने पर ही साफ हो सकेगी। पूछताछ में बदमाशों ने इतना बताया है कि नकली नोट नेपाल के रास्ते भारत में आ रहे हैं। अभियुक्त शिवचंद्र नकली नोट के साथ पहले भी जेल जा चुका है। जेल से छूटने के बाद वह फिर से अनीस के साथ मिलकर जाली करेंसी सप्लाई करने लगा। गिरफ्तारी करने वाली टीम में क्राइम ब्रांच के धर्मेंद्र सिंह यादव, वृंदावन राय, विजय विक्रम सिंह और हंडिया थाने की पुलिस रही।


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