Move to Jagran APP

जल निगम घोटाले का आरोपित ठेकेदार गया जेल

इलाहाबाद : प्रतापगढ़ जनपद में जल निगम घोटाले में दर्ज मुकदमे में फरार चल रहे ठेकेदार को गिरफ्तार करक

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Jun 2018 08:03 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jun 2018 08:03 AM (IST)
जल निगम घोटाले का आरोपित ठेकेदार गया जेल
जल निगम घोटाले का आरोपित ठेकेदार गया जेल

इलाहाबाद : प्रतापगढ़ जनपद में जल निगम घोटाले में दर्ज मुकदमे में फरार चल रहे ठेकेदार को गिरफ्तार करके पुलिस ने जेल भेज दिया। उस पर 20 हजार रुपये का ईनाम घोषित था और गैर जमानतीय वारंट भी जारी था।

loksabha election banner

ग्राम समूह पेयजल परियोजना पूरे रायजू के निर्माण में गबन करने के मामले में रिटायर्ड एक्सईएन राजेश खरे, रिटायर्ड एइ आरके श्रीवास्तव, जेई सुधीर श्रीवास्तव, ठेकेदार देशराज ¨सह पुत्र हंसराज ¨सह निवासी शुकुलपुर पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस को ठेकेदार देशराज ¨सह की तलाश थी। पुलिस टीमों ने कई बार शुकुलपुर, ताला सिरिस्ताबाद में घर पर और लखनऊ में संभावित ठिकानों पर दबिश दिया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद क्राइम ब्रांच के साथ एसटीएफ को लगा दिया गया।

एसटीएफ को लोकेशन मिली कि देशराज ने नैनीताल में शरण लिया है और वह नैनीताल से चलकर लखनऊ आ रहा है। इस पर एसटीएफ इंस्पेक्टर हेमंतभूषण ¨सह ने अपनी टीम के साथ घेरेबंदी करके सीतापुर में टोल प्लाजा पर देशराज को पकड़ लिया। हालांकि एसपी का दावा है कि एसटीएफ इंस्पेक्टर हेमंतभूषण ¨सह व क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर वीरेंद्र मिश्र ने शुक्रवार को दोपहर कोहड़ौर कस्बे से देशराज को गिरफ्तार किया है।

शुक्रवार को पुलिस लाइन स्थित सई कांप्लेक्स में पत्रकारों से बातचीत में एसपी संतोष कुमार ¨सह ने बताया कि देशराज के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी था। उस पर 20 हजार रुपये का ईनाम घोषित था। लखनऊ में पुलिस टीम के दबिश देने पर वह भागकर नैनीताल चला गया था।

----------------------------- सत्तापक्ष के विधायक के दबाव में फंसाया

संसू, प्रतापगढ़ : जल निगम घोटाले में गिरफ्तार ठेकेदार देशराज ¨सह का आरोप है कि उन्हें सत्तापक्ष के एक विधायक के दबाव में फंसाया गया है। जिस पेयजल योजना में घोटाले का आरोप लगाया जा रहा है, उसमें उन्हें सिर्फ 57 लाख रुपये के काम का ठेका मिला था। उन्होंने 52 लाख रुपये का काम कराया है, जबकि भुगतान 38 लाख रुपये ही मिला है। 14 लाख रुपये उन्हें और भुगतान किया जाना है। उन्होंने कहा कि चुनावी रंजिश में एक विधायक के दबाव में उन्हें फंसाया गया है।

--------------------

मोबाइल पर एक दो बार ही करते थे बात

संसू, प्रतापगढ़ : वैसे तो गबन का मुकदमा पांच अप्रैल को दर्ज कराया गया था, लेकिन पुलिस सक्रिय हुई 23 अप्रैल से। लगभग डेढ़ महीने से फरार चल रहे देशराज को पुलिस ट्रेस नहीं कर पा रही थी। सर्विलांस से भी कुछ मदद नहीं मिल पा रही थी क्योंकि देशराज पूरे दिन में अपने परिजनों से एक दो बार ही मोबाइल पर बात करते थे। पुराने मोबाइल नंबर को बंद कर दिया था। पश्चिमी यूपी से लिए एक सिम से वह परिजनों से बात करते थे, वहीं नंबर सर्विलांस पर लगाने पर पुलिस ने देशराज की लोकेशन को ट्रेस कर लिया।

----

क्या है मामला

अप्रैल महीने की शुरुआत में ग्राम पेयजल योजना पूरे रायजू की जांच में डीएम ने यह पाया था कि पूरी धनराशि 104.72 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया था, लेकिन पेयजल आपूर्ति शुरू नहीं हुई थी। आकलन किया गया कि सिर्फ 62.50 लाख रुपये का काम कराया गया है और 42.22 लाख रुपये का गबन कर लिया गया। डीएम के निर्देश पर तत्कालीन एक्सईएन ओमवीर ¨सह ने रिटायर्ड एक्सईएन राजेश खरे, रिटायर्ड एइ आरके श्रीवास्तव, जेई सुधीर श्रीवास्तव, ठेकेदार देशराज ¨सह पुत्र हंसराज ¨सह निवासी शुकुलपुर के खिलाफ पांच अप्रैल को गबन का मुकदमा दर्ज कराया था।

------------------

तीन मई को जेल गए थे तीनों इंजीनियर

विकास कार्यों की समीक्षा करने 23 अप्रैल को आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जलनिगम घोटाले के आरोपितों की गिरफ्तारी का फरमान सुनाया, तब पुलिस सक्रिय हुई। फौरन मुकदमे की विवेचना क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई। एएसपी पूर्वी राकेश ¨सह ने पूछताछ के बहाने 31 मई को रिटायर्ड एक्सईएन राजेश खरे, रिटायर्ड एइ आरके श्रीवास्तव, जेई सुधीर श्रीवास्तव को बुलवाया और पूछताछ करने के बाद तीन मई को तीनों इंजीनियरों को जेल भिजवा दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.