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प्रयागराज के कवि सम्मेलन में बोले कवि, रहे घर में कोई भूखा तो बिटिया खा नहीं सकती

काव्य मंच की अध्यक्षता करते हुए चर्चित साहित्यकार विजय चितौरी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में साहित्य की भूमिका निर्णायक रही है। कविता ने देश की सामाजिक नैतिक आर्थिक और राजनैतिक क्षेत्र को हमेशा संबल दिया है। कविताओं ने हमारी संस्कृति जीवन मूल्यों तथा परंपराओं की रक्षा भी की है।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 05:49 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 05:49 PM (IST)
प्रयागराज के कवि सम्मेलन में बोले कवि, रहे घर में कोई भूखा तो बिटिया खा नहीं सकती
कवि सम्मेलन में रचनाकारों ने उत्कृष्ट प्रस्तुतियों ने धूम मचा दिया।

प्रयागराज, जेेएनएन। जसरा क्षेत्र के दांदूपुर स्थित समदरिया स्कूल ऑफ स्पेशल एजुकेशन परिसर में काव्य कुटुंब, एरोविड और जनजागरण मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कवि सम्मेलन में रचनाकारों ने उत्कृष्ट प्रस्तुतियों ने धूम मचा दिया। हास्य कविताओं पर श्रोतागण तो लोटपोट हो गए।

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राष्ट्र निर्माण में साहित्य की भूमिका निर्णायक

काव्य मंच की अध्यक्षता करते हुए चर्चित साहित्यकार विजय चितौरी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में साहित्य की भूमिका निर्णायक रही है। कविता ने देश की सामाजिक, नैतिक, आर्थिक और राजनैतिक क्षेत्र को हमेशा संबल दिया है। कविताओं ने हमारी संस्कृति, जीवन मूल्यों तथा परंपराओं की रक्षा भी की है। हास्य व्यंग्य रचनाकार अशोक बेशरम ने 'भीख मांगे जो अदाकारी से, बच के रहना तुम उस भिखारी से पंक्तियों के माध्यम से खूब समा बांधा। वहीं संचालक संतोष कुमार शुक्ल 'समर्थ ने संस्कृति और परंपराओं से जुड़े मुक्तक 'कहे कुछ भी कोई चाहे मेरा दावा ये कहता है, रहे घर में कोई भूखा तो बिटिया खा नहीं सकती जैसी रचनाओं के साथ महिला सशक्तीकरण के पक्ष में जबरदस्त प्रस्तुति दी। 'लहू के बूंद को अमृत बनाकर जो पिलाती है मातृ शक्ति को समर्पित महत्वपूर्ण रचना पाठ वरिष्ठ गीतकार राजेंद्र शुक्ल ने किया। वहीं नजर इलाहाबादी ने वर्तमान सरकार की कार्य योजनाओं की चुटकी लेते हुए कहा, 'सारे गड्ढे भर जाएंगे, बरसात तो आने दो रचना पढ़ी।

सम्मानित हुए कर्म योद्धा

गीतकार जितेंद्र जलज की 'चंदन है पानी है और क्या, दुनिया कहानी है और क्या जैसे मार्मिक गीतों की प्रस्तुति ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। वहीं बाराबंकी से आए युवा कवि सिद्धार्थ अर्जुन ने 'बीज है तू तेरा अंकुरण न रुकेÓ जैसी भावपूर्ण पंक्तियों से खूब तालियां बटोरी। इसके अलावा डॉ. अशोक अग्रहरि प्रतापगढ़, रवि शंकर विद्यार्थी, अली इलियास, गितयम उपाध्याय मीरजापुर, धीरेंद्र नागा, विकास हमराही, अनुपम अजनबी, अजीत पांडेय आदि कवियों ने भी अपने काव्य पाठ किए। इस अवसर पर गीतकार राजेंद्र शुक्ल की पुस्तक का विमोचन भी किया हुआ। कार्यक्रम के मध्य में विभिन्न क्षेत्रों में किए गए प्रशंसनीय कार्यों के लिए कर्म योद्धाओं का अंगवस्त्रम एवं स्मृति पत्र के साथ समदरिया स्कूल ऑफ स्पेशल एजुकेशन के निदेशक डॉ.मणिकर द्विवेदी द्वारा सम्मान भी किया गया।

ये लोग रहे रक्तदान में शामिल

रक्तदान के लिए रजनीश सिंह, शिवम पांडेय, मनीष तिवारी, शैक्षणिक योगदान के लिए शुभम प्रजापति, सूरज प्रताप सिंह तथा पार्थ तिवारी, देवांश, विवेक श्रीवास्तव को पर्यावरण संरक्षण, आशीष त्रिपाठी, बाली शंकर, जय प्रकाश नारायण तथा अवधेश निषाद को भ्रष्टाचार निवारण और आपदा प्रबंधन के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉ.अंबिका पांडेय, डॉ.मधुकराचार्य त्रिपाठी, डॉ.विमला मिश्रा, डॉ.बबली द्विवेदी, राजेश शुक्ल, राघवेंद्र प्रताप ङ्क्षसह, प्रभात शुक्ल, लक्ष्मी शंकर तिवारी, शोभनाथ शुक्ल, स्वामी प्रसाद त्रिपाठी, सुभाष चंद्र, अभय मिश्र, आवेश मृदुल, मनीष तिवारी, कमल कुमार, जूही श्रीवास्तव, हरिराम त्रिपाठी, मंजू आनन्द, नीतू सिंह, रुचिता केशरवानी मौजूद रहे।


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