पीएम मोदी ने की ऑनलाइन प्रापर्टी कार्ड की घोषणा, प्रयागराज में 16 को मिली घरौनी, 1430 लाभार्थियों के घर भेजेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज में बारा तहसील के 10 गांवों के 1430 लोगों को ऑनलाइन स्वामित्व यानी प्रापर्टी कार्ड यानी घरौनी सौंपने की घोषणा की। पीएम को सुनने के लिए बारा तहसील में अधिकारियों व ग्रामीण भी पहुंचे।
प्रयागराज, जेएनएन। जिले के बारा तहसील बारा के 10 गांवों के 16 लाभार्थियों को रविवार को घरौनी वितरित की गई। बारा तहसील मुख्यालय पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए आयोजित समारोह में क्षेत्रीय विधायक अजय कुमार भारतीय, मुख्य राजस्व अधिकारी, एसडीएम बारा गौरव रंजन श्रीवास्तव, तहसीलदार डा.विशाल कुमार शर्मा ने लाभार्थियों को घरौनी प्रदान किया। इसके पहले समारोह में लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का सीधा प्रसारण सुना। पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्वामित्व योजना का रविवार को ही शुभारंभ हुआ। जुलाई माह में ही ड्रोन से इसका सर्वे हुआ था। अगले दो दिनों में बारा तहसील के 1430 लाभार्थियों को उनके घर पर घरौनी वितरित की जाएगी। इसके बाद इस योजना के द्वितीय चरण में जिले के 114 गांवों लगभग 10 हजार लभार्थियों को घरौनी वितरित की जाएगी।
ग्रामीणों को उनके घर का दस्तावेज मुहैया कराने की स्वामित्व योजना आज साकार हो हुई। देशभर में यह पहली बार हुआ। इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन की है। योजना से अभी प्रयागराज जिले के बारा तहसील के दस गांवों के 1430 लोग लाभान्वित हुए हैं। इन लोगों को स्वामित्व पत्र (घरौनी) देने की शुरुआत हो गई है। स्वामित्व पत्र देने के लिए बारा तहसील में करीब दो दर्जन लोगों को बुलाया गया था। इन लोगों ने तहसील सभागार में पीएम का लाइव संबोधन भी सुना।
पीएम का लाइव संबोधन ग्रामीणों को दिखाने के लिए एसडीएम गौरव रंजन श्रीवास्तव ने लैपटाप और स्पीकर की व्यवस्था की थी। ग्रामीणों ने बताया कि यह स्वामित्व पत्र उनके लिए बड़ा काम आएगा। अब वह इस पत्र को दिखाकर बैंक से लोन भी ले सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑनलाइन हैं। कार्यक्रम शुरू हो चुका है। पीएम प्रयागराज में बारा तहसील के 10 गांवों के 1430 लोगों को ऑनलाइन घरौनी यानी स्वामित्व पत्र यानी प्रापर्टी कार्ड सौंपेंगे। इस दौरान कुछ ग्रामीणों से बात भी कर सकते हैं। इसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। बारा तहसील में अधिकारियों के साथ कुछ ग्रामीण भी मौजूद हैं। खतौनी की तरह घरौनी बना ली गई है। अभी यह प्रयोग के तौर पर शुरू की गई है। आने वाले दिनों में सभी गांवों में हर घर की घरौनी बनेगी।
'घरौनी' यानी राजस्व रेकार्ड में दर्ज गांवों के घरों के क्षेत्रफल का प्रमाणपत्र
शहरों में तो हर घर का रिकार्ड होता है, लेकिन गांवों में ऐसा नहीं है। गांवों में खेतों का रिकार्ड है, जबकि किसका घर कितने क्षेत्र में है, उसका मालिक कौन है, इसका रिकार्ड राजस्व विभाग के पास नहीं है। पीढ़ी दर पीढ़ी जो जितनी जगह में घर बना लिया, वहीं रह रहा है। ग्रामीणों के घर आबादी क्षेत्र में दर्ज है और किसी के नाम नहीं है। इससे अक्सर विवाद होता है। अब शहरों की तरह हर ग्रामीण के घर का क्षेत्रफल राजस्व रेकार्ड में दर्ज होगा और जो उसका प्रमाणपत्र होगा, उसे घरौनी कहा जाएगा।
जिनका विवाद नहीं सुलझा, उसकी घरौनी नहीं बनाई गई
घरौनी की पहल कुछ महीनों पहले से देश के 37 जिलों में प्रयोग के तौर पर शुरू हुई। प्रयागराज में बारा तहसील के 10 गांवों में इसकी शुरुआत हुई। 21 से 24 जुलाई 2020 तक इन गांवों में ड्रोन कैमरे के जरिए एक-एक घर की मौपिंग हुई। तहसील की टीम ने एक-एक घर का रिकार्ड दर्ज करके घरौनी तैयारी कर ली है और रविवार को बंटेगी। इस दौरान कुछ विवाद भी हुआ तो लोगों को समझाया गया। जिनका विवाद नहीं सुलझा, उसकी घरौनी नहीं बनाई गई।
इन गांवों में बंटेंगी घरौनी
बारा तहसील के अभयपुर, कपारी, टुंडवा, जोरहट, देवरा, नीवी, बकुलिहा, बराडीह, लकहर और लोहगरा है।
बोले, बारा के एसडीएम
बारा के एसडीएम गौरव रंजन श्रीवास्तव कहते हैं कि घरौनी रविवार को तहसील से बांटी जाएगी। इसके लिए कुछ ग्रामीणों को बुलाया गया है। इस दौरान प्रधानमंत्री आनलाइन रहेंगे और कुछ ग्रामीणों से बात भी कर सकते हैं। अन्य ग्रामीणों को लेखपाल घर-घर जाकर बांटेंगे। अगले चरण में अन्य गांवों की भी घरौनी बनेगी।