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इलाहाबाद हाई कोर्ट में इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट की वैधता को चुनौती, PIL पर सुनवाई 26 जुलाई को

Allahabad High Court सुन्नी वक्फ बोर्ड के इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के गठन की वैधता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। सुन्नी वक्फ की गठित इस संस्था के खिलाफ नदीम अहमद व अन्य ने जनहित याचिका दायर की है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 01:22 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 10:32 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट में इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट की वैधता को चुनौती, PIL पर सुनवाई 26 जुलाई को
इस याचिका पर अब 26 जुलाई को सुनवाई की जाएगी।

प्रयागराज, जेएनएन। अयोध्या में जिस संस्था इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन की देखरेख में धन्नीपुर मस्जिद के निर्माण का कार्य प्रगति पर है, उसी की वैधता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस याचिका पर अब 26 जुलाई को सुनवाई की जाएगी। सुन्नी वक्फ की गठित इस संस्था के खिलाफ नदीम अहमद व अन्य ने जनहित याचिका दायर की है।

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इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय यादव तथा तथा न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने शुक्रवार को नदीम अहमद व अन्य की जनहित याचिका पर इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के गठन के दस्तावेज दाखिल करने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को चार हफ्ते का समय दिया है। इस याचिका पर अब 26 जुलाई को सुनवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा अयोध्या में मस्जिद, अस्पताल, लाइब्रेरी, कम्युनिटी किचन, म्यूजियम और रिसर्च सेंटर आदि का निर्माण कराने के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन का गठन किया गया है।

सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा अयोध्या में मस्जिद व अस्पताल बनाने के लिए गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट की वैधता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याची की मांग है कि ट्रस्ट के गठन संबंधी दस्तावेज मंगा कर रद किया जाय और ट्रस्ट गठन रोका जाय। कोर्ट ने कहा कि जिन दस्तावेजों को रद करने की मांग की गयी है वे याचिका के साथ दाखिल ही नही हैं। ऐसे में जो दस्तावेज कोर्ट में हैं ही नही, उन्हे रद करने पर विचार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने दस्तावेज तलब कर रद करने की मांग अस्वीकार कर दिया, किंतु न्याय हित में याची को चार हफ्ते में दस्तावेज दाखिल करने का समय दिया है। साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि यदि दस्तावेज दाखिल नहीं किए गए तो याचिका स्वतःखारिज हो जाएगी। याचिका की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।याचिका मे 01जुलाई 2020 को जारी ट्रस्ट गठन की अधिसूचना को भी रद किए जाने की मांग की गई है।इस पर कोर्ट ने कहा कि अन्य जनहित याचिका में इस अधिसूचना को वैध करार दिया जा चुका है।

मालूम हो कि अयोध्या राम मंदिर मस्जिद विवाद का निपटारा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के लिए नगर से बाहर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था, जिसे बोर्ड ने स्वीकार किया।उस पर मस्जिद व अस्पताल बनाने के लिए ट्रस्ट का गठन किया गया है। याची का दावा है कि ट्रस्ट गठित करने के दस्तावेज वैध नहीं हैं। कोर्ट सम्मन कर उन्हें रद करे। अयोध्या में धुन्नीपुर मस्जिद का निर्माण इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) ट्रस्ट की देखरेख में हो रहा है। धन्नीपुर गांव में जो मस्जिद बनेगी, उसका आकार लगभग बाबरी मस्जिद के आकार जैसा होगा। अयोध्या में लम्बे विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन अलॉट की है।


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