...तो क्या सीमा विस्तार कर रहे चित्रकूट के दस्यु
कौशांबी में ईंट-भट्ठा मुंशी की हत्या कर दी गई। उसके पास मिले धमकी भरे पत्र ने पुलिस के होश उड़ा दिए हैं। आशंका जताई जा रही है कि कहीं यह पैगाम चित्रकूट के डकैतों का तो नहीं है।
प्रयागराज : बुंदेलखंड का पाठा करीब पांच दशक से डकैतों का गढ़ रहा है। यहां डकैत सदैव ठेकेदारों से रंगदारी वसूलते रहे हैं, लेकिन अब तक किसी ने भी यमुना पार कर कौशांबी में घटनाओं को अंजाम नहीं दिया। यह पहला मामला है जब चित्रकूट के किसी दस्यु ने नाम पर धमकी भरा पत्र मिला है। साढ़े सात लाख के इनामी बबली कोल के नाम पर पत्र मिलने के बाद से ही क्षेत्र के लोगों में दहशत है।
कौशांबी में ईंट-भट्ठा मुंशी की कर दी गई हत्या, मिला धमकी भरा पत्र
कौशांबी जिले के उरई अशरफपुर गांव के बाहर खेत में सोमवार की सुबह उरई अशरफपुर निवासी पितंबर लाल 60 का शव मिला। पड़ोसी गांव मवई स्थित ईंट-भट्ठा में वह मुंशी थे। सिर पर लोहे की रॉड से वार किया गया था। घटनास्थल से पुलिस को साइकिल, मोबाइल व धमकी भरा पत्र मिला। इसमें लिखा है कि गुंडा टैक्स न देने वालों की हत्या कर दी जाएगी।
इनामी दस्यु बबली कोल की जताई जा रही संभावना
कौशांबी थाना क्षेत्र के उरई अशरफपुर गांव के ईंट-भट्ठा मुंशी पितांबर की हत्या के बाद यूपी व एमपी से साढ़े सात लाख के इनामी दस्यु बबली कोल का नाम सामने आया है। बबुली गैंग का चित्रकूट व सतना के साथ ही बुदेलखंड के बांंदा, पन्ना आदि जिलों में खासा आतंक है। तेंदू पत्ता, वन्य संपदा, रेलवे के ठेके, पाठा क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों से गैंग को भारी कमीशन मिलता है। इसको जानकारी समय-समय पर वहां की पुलिस को मिली रहती है। पुलिस इन दिनों गैंग की घेराबंदी कर पकडऩे का प्रयास भी करती है, लेकिन जंगली क्षेत्र के रग-रग सेे परिचित गैंग पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाते हैं। बीते कई माह से पुलिस की सक्रियता चित्रकूट में बढ़ गई है। पुलिस सूत्रों की मानें तो ऐसे में गैंग की इनकम भी प्रभावित हो रही है। ऐसे में गैंग ने अपनी आया बढऩे के लिए सीमा विस्तार तो नहीं शुरू कर दिया। इस बात का कायस लगाया जा रहा है।
...बढ़ सकती है कौशांबी पुलिस की मुश्किलें
पितंबर की हत्या के बाद उसके पास मिले पत्र की धमकी भी वसूली से जुड़ी है। चित्रकूट के दस्यु गैंगों ने कौशांबी में अपनी आय का स्रोत खोजना शुरू कर दिया तो कौशांबी पुलिस की मुश्किल बढ़ जाएगी। चित्रकूट के मानिकपुर थानाध्यक्ष केपी दुबे की मानें तो बबली कोल गैंग में कभी 22-25 लोग हुआ करते थे। इनमें से अधिकांश लोग या तो मार दिए गए या फिर वह जेल में हैं। बबली कोल व उसका शूटर साथी लवलेश ही मानिकपुर क्षेत्र के जंगलों में छिपे हैं। बताया कि फरवरी के अंत तक उनको भी पुलिस ठिकाने लगा देगी।