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पानी के नाम पर 'जहर' पी रहे लोग

इलाहाबाद : शहरियों की सुविधा के लिए जवाहर लाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत करीब ढाई अरब की लागत से शहर में जलापूर्ति संबंधी कार्य दो चरणों में हुए बावजूद इसके जोन संख्या एक खुल्दाबाद के कई क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा। कहीं 30-40 वर्ष पहले बिछी पुरानी पाइप लाइनों के क्षतिग्रस्त होने से बदबूदार और प्रदूषित जलापूर्ति हो रही है, तो कहीं नई पाइप लाइन बिछने के बावजूद पुरानी लाइन बंद न होने से प्रेशर की समस्या है। बेनीगंज, लूकरगंज क्षेत्रों के लोग पानी के नाम पर 'जहर' पी रहे हैं। योजना के तहत शहर में 2 अरब 41 करोड़ 61 लाख रुपये में जलनिगम ने पेयजल के काम कराए। इसमें अन्य कामों के साथ करीब 866 किमी. पाइप लाइन बिछाई गई। नई पाइप लाइन बिछाने के बाद पुरानी पाइप लाइनें बंद कर दी जानी थीं, पर ऐसा नहीं हुआ।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Jun 2018 06:30 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jun 2018 06:30 AM (IST)
पानी के नाम पर 'जहर' पी रहे लोग
पानी के नाम पर 'जहर' पी रहे लोग

इलाहाबाद : शहरियों की सुविधा के लिए जवाहर लाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत करीब ढाई अरब की लागत से शहर में जलापूर्ति संबंधी कार्य दो चरणों में हुए बावजूद इसके जोन संख्या एक खुल्दाबाद के कई क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा। कहीं 30-40 वर्ष पहले बिछी पुरानी पाइप लाइनों के क्षतिग्रस्त होने से बदबूदार और प्रदूषित जलापूर्ति हो रही है, तो कहीं नई पाइप लाइन बिछने के बावजूद पुरानी लाइन बंद न होने से प्रेशर की समस्या है। बेनीगंज, लूकरगंज क्षेत्रों के लोग पानी के नाम पर 'जहर' पी रहे हैं। योजना के तहत शहर में 2 अरब 41 करोड़ 61 लाख रुपये में जलनिगम ने पेयजल के काम कराए। इसमें अन्य कामों के साथ करीब 866 किमी. पाइप लाइन बिछाई गई। नई पाइप लाइन बिछाने के बाद पुरानी पाइप लाइनें बंद कर दी जानी थीं, पर ऐसा नहीं हुआ। जोन एक के बेनीगंज के ज्यादातर हिस्से, गौसनगर, राजरूपपुर, प्रीतमनगर, सुलेमसराय, मुंडेरा आदि क्षेत्रों में नई पाइप लाइनें बिछाई गई, पर राजरूपपुर में 30 फीट रोड, 60 फीट रोड, सरस्वती शिशु मंदिर मार्ग नंबर एक और सात, गौसनगर में कब्रिस्तान के पीछे, कसारी-मसारी में आनंदपुरम, प्रीतमनगर में ईडब्ल्यूएस कालोनी, धूमनगंज थाने के सामने लो प्रेशर की समस्या है। पार्षद अखिलेश सिंह, रोहित मालवीय व पूर्व पार्षद आनंद सिंह का कहना है कि दोनों पाइप लाइनें चलने से प्रेशर कम रहता है। वहीं, जलनिगम और जलकल विभाग के अधिकारी इस कार्य की जिम्मेदारी एक-दूसरे पर टाल रहे हैं।

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वर्जन--

सभी जगह नई पाइप लाइनें बिछाई गई हैं। बहरहाल, कुछ जगहों पर पुरानी और नई पाइप लाइनें जोड़ी गई हैं। घरों में पानी के मीटर लगाए जाने पर नई पाइप लाइन से कनेक्शन देकर पुरानी लाइन को जलकल को बंद करना था। लेकिन मीट¨रग का काम चालू नहीं हो सका है।

जीसी दूबे, मुख्य अभियंता जलनिगम।

दो पाइप लाइनों के कारण प्रेशर कम होने की शिकायतें मिलती हैं। पुरानी पाइप लाइनों को जलनिगम को डिस्कनेक्ट करना था, लेकिन नहीं हुआ।

आरएस सक्सेना, महाप्रबंधक जलकल विभाग।


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