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साहित्यकार प्रो. अली अहमद फातमी के घर पर भी चला बुलडोजर, पीडीए ने नजूल भूमि बताकर किया ध्वस्त

लूकरगंज इलाके में नजूल भूमि पर बने मकानों को ढहाने की कार्रवाई सोमवार को दूसरे दिन भी हुई। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उर्दू विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष और साहित्यकार प्रो. अली अहमद फातमी के घर पर भी प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) का बुलडोजर चला।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 09:46 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 09:46 PM (IST)
साहित्यकार प्रो. अली अहमद फातमी के घर पर भी चला बुलडोजर, पीडीए ने नजूल भूमि बताकर  किया ध्वस्त
जोनल अधिकारी आलोक कुमार पांडेय का कहना है कि साहित्यकार का मकान भी अवैध बना था।

प्रयागराज, जेएनएन। लूकरगंज इलाके में नजूल भूमि पर बने मकानों को ढहाने की कार्रवाई सोमवार को दूसरे दिन भी हुई। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उर्दू विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष और साहित्यकार प्रो. अली अहमद फातमी के घर पर भी प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) का बुलडोजर चला। सुबह करीब साढ़े आठ से देर शाम साढ़े सात बजे तक चली कार्रवाई में कुल चार मकान जमींदोज किए गए। 

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लूकरगंज में नजूल भूमि पर बने और मकान गिराए गए

पीडीए की टीम प्रशासनिक अफसरों और भारी पुलिस फोर्स के साथ ध्वस्तीकरण के लिए सुबह लगभग साढ़े आठ बजे लूकरगंज पहुंची। तीन बुलडोजर (रॉक ब्रेकर जेसीबी) मकानों को ढहाने में लगाए गए। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चल रही थी तभी एक-एक करके तीनों बुलडोजर खराब हो गए। उन्हें ठीक कराने में करीब चार घंटे लग गए। इससे कार्रवाई बाधित रही और करीब एक हजार वर्गगज जमीन ही खाली कराई जा सकी। साहित्यकार का मकान सुबह ही गिरा दिया गया था। कार्रवाई के दौरान लोगों की भीड़ भी लगी रही।

बेटी का आशियाना उजडऩे से ज्यादा दुखी हैं फातमी

 प्रो. अली अहमद फातमी बताते हैं कि वह 32 साल से रह रहे थे। बगल में ही बेटी का भी मकान बनवा दिए थे, जिसे रविवार को ही ढहा दिया गया था। वह कहते हैं कि उन्हें खुद के मकान से ज्यादा बेटी का घर गिराए जाने से दुख है। बेटी को बाहर से बुलाकर अपने बगल बसाया और वह करीब सात-आठ साल ही घर में रह सकी। खुद का मकान गिराए जाने से वह भावुक हो गए और फफककर रो पड़े थे। उनका कहना है कि नजूल भूमि पर आधा से ज्यादा शहर बसा है। प्रशासन अन्य जगहों पर कार्रवाई नहीं करता है। अतीक अहमद ने जमीन पर कब्जा किया था, इसलिए जिन लोगों ने रजिस्ट्री कराकर मकान बनवाया है, उसे भी गिरा दिया गया। माफिया और प्रोफेसर में कोई फर्क नहीं समझा गया। शनिवार को नोटिस दी गई और रविवार को अधिकारी बुलडोजर लेकर आ गए, ताकि किसी को कहीं से राहत न मिल सके। 

तीन बचे मकान आज ढहाए जाएंगे

जोनल अधिकारी आलोक कुमार पांडेय का कहना है कि साहित्यकार का मकान भी अवैध बना था। हाईकोर्ट से उनकी याचिका खारिज हो गई। करीब पांच सौ वर्गगज जमीन खाली कराई जानी बाकी है। उस पर तीन मकान बचे हैं, जिसे मंगलवार को गिराया जाएगा। तीनों मशीनें खराब होने से करीब चार घंटे कार्रवाई बाधित रही। वहीं, कार्रवाई में एडीएम नजूल, एसीएम तृतीय, सीओ प्रथम सत्येंद्र तिवारी और पुलिस फोर्स, पीएसी बल शामिल था। 

प्रो. फातमी का आवास ढहाने का विरोध

आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी ने प्रो. अली अहमद फातमी का मकान ढहाने का विरोध किया है। पार्टी के जिलाध्यक्ष मो. शाह आलम का कहना है कि प्रोफेसर का 35 साला पुराना मकान, जिसकी फ्री होल्ड की औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई हैं। इसके बावजूद शासन और प्रशासन द्वारा परेशान करने के अपने एजेंडे के तहत मकान को ध्वस्त कर दिया गया। अब पार्टी विरोध में सड़क पर उतरेगी। 


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