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PCS मुख्य परीक्षा से खत्म हो सकता है वैकल्पिक विषय, लोक सेवा आयोग से शासन को भेजा गया प्रस्ताव

PCS main exam पीसीएस की मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। इसका प्रमुख कारण है कि विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों को मानविकी विषय के अभ्यर्थियों से ज्यादा अंक मिलते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Mon, 30 Jan 2023 02:30 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jan 2023 02:30 PM (IST)
PCS मुख्य परीक्षा से खत्म हो सकता है वैकल्पिक विषय, लोक सेवा आयोग से शासन को भेजा गया प्रस्ताव
पीसीएस मुख्य परीक्षा से खत्म हो सकता है वैकल्पिक विषय। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

प्रयागराज, राज्य ब्यूरो। सम्मिलित राज्य/ प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) की मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय की अनिवार्यता खत्म हो सकती है। इसको लेकर लंबे समय से मंथन चल रहा है। कुछ राज्यों में ऐसा बदलाव किया जा चुका है। प्रतियोगी छात्रों ने भी कई बार इसकी मांग उठाई है, इसलिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसकी मंजूरी मिलती है तो स्केलिंग का विवाद खत्म हो जाएगा।

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मानविकी विषयों के अभ्यर्थी इस वजह से करते हैं शिकायत

पीसीएस मुख्य परीक्षा में विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों को मानविकी विषय के अभ्यर्थियों से ज्यादा अंक मिलते हैं। इसकी शिकायत मानविकी विषयों के अभ्यर्थी अक्सर करते हैं। फिर स्केलिंग के नाम पर अंक घटाए-बढ़ाए जाने से किसी को फायदा तो किसी को नुकसान उठाना पड़ता है। पीसीएस-2018 में स्केलिंग को लेकर काफी विवाद हुआ था। तब प्रतियोगी छात्रों ने दावा किया था कि स्केलिंग के चलते हिंदी भाषा और मानविकी विषयों के अभ्यर्थियों का काफी नुकसान हुआ है।

इस वजह से वैकल्पिक विषय हटाए जाने की मांग हुई तेज

स्केलिंग के चलते ही यूपी में दूसरे राज्यों के तमाम अभ्यर्थियों का चयन हो गया था। इसलिए पीसीएस मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटाए जाने मांग तेज हुई। मांग है कि मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटाकर उसकी जगह यूपी आधारित प्रश्नपत्र शामिल किया जाए। इससे यूपी के अभ्यर्थियों का चयन होगा और स्केलिंग का भी विवाद खत्म हो जाएगा। वैकल्पिक विषय खत्म करने का अभियान चला रहे प्रतियोगी छात्र कौशल सिंह का कहना है कि पीसीएस-2023 के विज्ञापन में इस बदलाव का इंतजार है। अगर बदलाव होता है तो बड़ी राहत मिलेगी।

एपीएस भर्ती का जल्द आ सकता है विज्ञापन

अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती की नियमावली में संशोधन को शासन से मंजूरी मिल गई है। अब आने वाले कुछ दिनों में इस भर्ती का विज्ञापन आ सकता है। पिछले 10 वर्षों से इस पद पर भर्ती नहीं हुई है। शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर निजी सचिव नियमावली-2023 को हरी झंडी दे दी। नई

नियमावली के अनुवार अपर निजी सचिव का पद अब समूह ख का राजपत्रित पद होगा। इसके लिए ट्रिपलसी सर्टिफिकेट की अनिवार्यता होगी। कंप्यूटर पर टंकण परीक्षा आयोजित की जाएगी। साथ ही पदों कि संख्या 612 से बढ़ाकर 730 कर दी गई है। आवेदक की अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष निर्धारित की गई है। इस संशोधन के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) से इसकी भर्ती प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। एक दशक से इसकी भर्ती न आने के कारण प्रतियोगी छात्र निराश थे। प्रतियोगी छात्र दीपक कुशवाहा, एमएम आलम आदि कई बार आयोग के बाहर प्रदर्शन कर चुके हैं। छात्रों ने भर्ती शुरू करने को आयोग के चेयरमैन को ज्ञापन भी दिया था।


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