पीसीएस जे (प्री) में पहले दिन दो प्रश्नों पर आपत्ति, ढेरों आपत्तियां आने के आसार
पीसीएस जे (प्रारंभिक) परीक्षा 2018 की उत्तर कुंजी जारी होते ही अभ्यर्थियों ने आपत्तियां कर यूपीपीएससी के विशेषज्ञों को एक बार फिर कठघरे में खड़ा किया है।
जेएनएन, प्रयागराज। पीसीएस जे (प्रारंभिक) परीक्षा 2018 की उत्तर कुंजी जारी होते ही अभ्यर्थियों ने आपत्तियां कर यूपीपीएससी के विशेषज्ञों को एक बार फिर कठघरे में खड़ा किया है। वेबसाइट पर उत्तर कुंजी जारी होने के पहले ही दिन कई अभ्यर्थियों ने साक्ष्यों समेत आपत्तियां भेज दीं। प्राथमिक स्तर पर अभी सामान्य अध्ययन के एक और लॉ के प्रश्नपत्र में भी एक प्रश्न के उत्तर विकल्प को अभ्यर्थियों ने गलत ठहराया है। प्रदेश भर से इस परीक्षा में ढेरों आपत्तियां दाखिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
यूपीपीएससी ने पीसीएस जे 2018 की प्रारंभिक परीक्षा 16 दिसंबर को चार जिलों में कराई थी। 610 पदों पर चयन होना है। परीक्षा में 64691 अभ्यर्थियों का पंजीयन था जिसमें 38174 ही परीक्षा देने पहुंचे थे। पहली बार ऐसा हुआ है कि यूपीपीएससी ने परीक्षा के तीन दिनों बाद ही उत्तर कुंजी वेबसाइट पर जारी कर आपत्तियां मांगीं। फिलहाल 19 दिसंबर को उत्तर कुंजी जारी होते ही अभ्यर्थियों ने यूपीपीएससी की ओर से माने गए कई उत्तर पर आपत्ति भी कर दी। आपत्तियां 26 दिसंबर तक तय प्रारूप पर ली जाएंगी। अभ्यर्थियों के अनुसार प्रश्नपत्र सीरीज 'एÓ में सामान्य अध्ययन के प्रश्न संख्या पांच, जिसमें पूछा गया है कि भारत में न्यायालय निर्वाचन संबंधी मामले में हस्तक्षेप कर सकता है। इसके उत्तर विकल्प (ए) जनहित याचिका के आधार पर, (बी) निर्वाचन याचिका के आधार पर (सी) व्यक्तिगत हित याचिका के आधार पर और (डी) सामूहिक हित याचिका के आधार पर, में यूपीपीएससी ने विकल्प (बी) को सही माना है। जबकि साक्ष्य बताते हैं कि इसका विकल्प (सी) सही है।
लॉ यानी विधि के प्रश्नपत्र में सीरीज 'एÓ में प्रश्न संख्या 65 के उत्तर विकल्प पर भी आपत्ति है। इसमें पूछा गया है कि संपत्ति अंतरण अधिनियम 1882 के अधीन अज्ञात व्यक्ति अपने फायदे के लिए किए गए अंतरण पर कब निहित हित अर्जित कर सकता है, इसके उत्तर विकल्प में (ए) जन्म होने पर (बी) वयस्कता आयु पूर्ण होने पर (सी) अपना विवाह कर लेने और (डी) उपर्युक्त में से कोई नहीं, में यूपीपीएससी ने उत्तर विकल्प (बी) को सही माना है, जबकि अभ्यर्थियों का दावा है कि उत्तर विकल्प (ए) सही है। सचिव जगदीश का कहना है कि सभी आपत्तियां आने पर विशेषज्ञों से साक्ष्यों के आधार पर उन्हें संशोधित कराया जाएगा।