गेहूं खरीद में घोटाला करने पर पीसीएफ के जिला प्रबंधक निलंबित Prayagraj News
जिले के 36 केंद्रों में 75 लाख रुपये की खरीद में गबन पकड़ा गया है। धान क्रय केंद्र में भी लापरवाही बरती गई। केंद्रों को राशि नहीं भेजी गई। पीसीएफ के जिला प्रबंधक निलंबित हो गए हैं।
प्रयागराज। पीसीएफ के 36 क्रय केंद्रों में 75 लाख के गेहूं की खरीद में गबन का मामला पकड़ा गया है। मामले में जिला प्रबंधक प्रमोद कुमार को निलंबित कर दिया गया हैै। साथ ही इसकी उच्च स्तरीय जांच भी कराई जा रही है। इतना ही नहीं, अब धान की मौजूदा खरीद के लिए बनाए गए केंद्रों में भी लापरवाही सामने आई है। क्रय केंद्रों को अब तक धनराशि नहीं भेजी जा सकी है, जिसके कारण खरीद प्रभावित हो रही है।
पीसीएफ ने गेहूं खरीद का भुगतान कर दिया पर गेहूं खाद्य निगम को नहीं मिला
उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव फेडरेशन (पीसीएफ) भी किसानों से धान और गेहूं की खरीद करता है। इसी साल गेहूं की खरीद के लिए जिले में पीसीएफ के 36 केंद्रों पर न तो तौल की व्यवस्था समय पर हो सकी थी और न ही बोरे और अन्य इंतजाम हो सके थे। काफी देर से गेहूं की खरीद हो सकी थी, जिसके कारण एक लाख 30 हजार कुंतल ही गेहूं खरीदा जा सका था, जो लक्ष्य से काफी कम था। इस खरीद में 75 लाख रुपये का गबन पकड़ा गया है। हुआ यह कि पीसीएफ ने गेहूं खरीद का भुगतान कर दिया, मगर वह गेहूं भारतीय खाद्य निगम को अब तक नहीं मिल सका। इसके बारे में अफसर काफी दिन तक मौन रहे। मामला शासन तक पहुंचा तो हड़कंप मच गया।
शिकायत पर खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री ने सख्त रुख अपनाया
इस मामले में शिकायत पर खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री ने सख्त रुख अपनाया। ऐसे में प्रमुख सचिव सहकारिता एमवीएस रामारेड्डी ने जांच कराई। ज्वाइंट रजिस्ट्रार एसपी त्रिपाठी और क्षेत्रीय प्रबंधक की जांच के बाद पीसीएफ के प्रबंध निदेशक शिवाकांत द्विवेदी ने जिला प्रबंधक प्रमोद कुमार को निलंबित कर दिया। उन्हें पहले वाराणसी कार्यालय से संबद्ध किया गया, फिर बरेली भेज दिया गया। उनके स्थान पर बरेली से आकर महेंद्र कुमार गर्ग ने पदभार ग्रहण कर लिया। मामले में जांच शुरू कर दी गई है। पता चला है कि तीन बड़े अफसर व सात और कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सकती है। गबन में इन अधिकारियों की भी भूमिका भी संदिग्ध है। दो अधिकारी तो इसी वजह अपना तबादला कराने में जुट गए हैैं।
कमीशन में भी लाखों का खेल
पीसीएफ के गेहूं क्रय केंद्रों में कमीशन में भी लाखों का खेल पकड़ा गया है। दरअसल, गेहूं और धान खरीदने के लिए समितियों को कमीशन दिया जाता है। एक कुंतल गेहूं या धान की खरीद पर 27 से 32 रुपये कमीशन दिया जाता है। इसका भी हिसाब-किताब नहीं मिल रहा है। अफसर इस कमीशन के खेल में भी फंसते नजर आ रहे हैैं।