एसआरएन अस्पताल : कंधे पर मरीज और व्हीलचेयर पर दवा
एसआरएन अस्पताल में मरीजों को सुविधा नहीं मिल रही है। तीमारदार मरीजों को लेकर इलाज के लिए दर-दर भटकते हैं। यहां तक कि मरीजों को ले जाने के लिए व्हीलचेयर भी उपलब्ध नहीं है।
प्रयागराज, जेएनएन। सूबे के चिकित्सा एवं स्वास्थ मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के गृह नगर में चिकित्सीय सेवाएं दम तोड़ रही हैं। अस्पतालों में सुविधाएं तो हैं लेकिन मरीजों को उपलब्ध कराने के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। आलम यह है कि इमरजेंसी में मरीजों को स्ट्रेचर तक नहीं मिल पाता। ऐसे में तीमारदार मरीजों को कांधे पर रखकर इमरजेंसी तक पहुंचा रहे हैं जबकि, व्हीलचेयर पर दवाएं ढोई जा रही हैं।
अस्पताल प्रशासन उदासीन, व्यवस्था तोड़ रही दम
अस्पताल प्रशासन की ओर से करीब 100 स्ट्रेचर और 50 व्हीलचेयर होने का दावा किया जाता है। इसके बावजूद कंधे पर ही मरीज ढोना तीमारदारों की मजबूरी बन गई है। शंकरगढ़ के 70 वर्षीय बुजुर्ग रामदयाल को सांस फूलने की बीमारी है। उनका बेटा उन्हें लेकर स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय पहुंचा। पिता को लेकर उसे इमरजेंसी वार्ड में जाना था लेकिन मरीज के लिए स्ट्रेचर नहीं मिल पाया। आखिरकार उसे पिता को कंधे पर लादकर वार्ड तक जाना पड़ा। इस तरह के तमाम मरीज ऐसे हैं जिन्हें अस्पताल की व्यवस्थाओं से वंचित होना पड़ता है।
मासूम को गोद में लेकर भटकते रहे दिव्यांग दंपती
पांच साल के मासूम बेटे का इलाज कराने के लिए दिव्यांग दंपती अस्पताल के चक्कर काटते रहे। इसके बावजूद भी उन्हें इलाज नहीं मिल सका। ऐसे में दंपती देर शाम वापस घर चले गए। दरअसल, फूलपुर के देवरहनी गांव के दिव्यांग दंपती राजकुमार और रीना मंडलीय अस्पताल एसआरएन पहुंचे। उनके पांच माह के बेटे श्रेयांश के मस्तिष्क में बीमारी है। वह न्यूरोसर्जन के पास पहुंचे। दंपती ने बताया कि वहां डॉक्टर ने एक्स-रे और खून की जांच के लिए लिखा। जब वह एक्स-रे कक्ष में पहुंचे तो वहां कर्मचारियों ने यह कहकर वापस भेज दिया कि यहां बच्चों का एक्स-रे नहीं होता है। ऐसे में दंपती सरोजनी नायडू बाल चिकित्सालय पहुंचे। वहां समय अधिक होने का हवाला देकर वापस भेज दिया गया।
बोले एसआरएन अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक
एसआरएन अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव कहते हैं कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में स्ट्रेचर और व्हीलचेयर हैं। हो सकता है कोई लेकर गया हो और वहीं छोड़ दिया हो। चूंकि मैं अवकाश पर हूं तो ऐसी कोई जानकारी नहीं है।
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