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फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के इस गांव में करीब 80 फीसद हुआ है मतदान

एक छोटी सी पहल पर लोकसभा पोल में फूलपुर का परवेजाबाद पहले पायदान पर पहुंच गया है। वहीं दूसरे नंबर पर करछना का मसिका गांव वोटिंग में दूसरे नंबर पर है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 08:26 PM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 10:08 AM (IST)
फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के इस गांव में करीब 80 फीसद हुआ है मतदान
फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के इस गांव में करीब 80 फीसद हुआ है मतदान

प्रयागराज, जेएनएन। अपना सांसद चुनने के लिए मतदान करने में परवेजाबाद गांव के मतदाता अव्वल रहे। फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के इस गांव में 79.90 फीसद मतदान हुआ है। इसी तरह इलाहाबाद संसदीय सीट के मसिका गांव में 79.80 प्रतिशत वोटिंग हुई है। 

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 गांव के कुल 796 मतदाताओं में 663 लोगों ने डाले वोट

फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के परवेजाबाद गांव में कुल 796 मतदाता हैं। यहां पर 663 मत पड़े हैं। गांव के शिवभूषण यादव और अभिषेक यादव ने बताया कि युवाओं की छोटी सी पहल ने बड़ा नतीजा दिया। बताया कि मतदान को लेकर चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे अभियान से प्रेरित होकर गांव के युवाओं ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने की ठानी और उसे करके दिखा दिया। 

बोली महिलाएं, मतदान करने में उनके गांव का नाम रोशन हुआ 

जिले में सबसे ज्यादा मतदान करने वाले इस गांव के गेंदा देवी और रामदुलारी कहती हैं कि उन्हें काफी अच्छा लग रहा है कि मतदान करने में उनके गांव का नाम रोशन हुआ। गुलाब सिंह कहते हैं कि लगभग 40 लोगों का नाम मतदाता सूची से कट गया था और कुछ लोग दूसरे प्रांतों में नौकरी करते हैं। बुजुर्ग रामगोपाल कहते हैं कि मतदाता सूची दुरुस्त होती तो 95 फीसद मतदान होना तय था। प्रधान रीता देवी कहती हैं कि इस बार मतदान करने में महिलाओं में भी गजब का उत्साह था। पहले के चुनावों में 55 से 60 फीसद तक ही मतदान हो सका है। 

करछना के मसिका गांव में 79.80 फीसद मतदान हुआ

इलाहाबाद संसदीय सीट के करछना विधानसभा क्षेत्र के मसिका गांव में 79.80 फीसद मतदान हुआ है। मसिका में स्थानीय समस्या और जातिवाद से ऊपर उठकर लोगों ने जमकर वोटिंग की। गांव में सरकार की ओर से कोई मतदाता जगरूकता अभियान नहीं चलाया गया था, लेकिन देश की बागडोर सुरक्षित हाथों में सौंपने की लालसा और क्षेत्र में हुए विकास कार्य से लोगों के कदम पोलिंग बूथ की तरफ बढ़ गए। 

बोले मसिका के प्रधान

ग्राम प्रधान राम भूषण मिश्र का कहना है कि गांव के अधिकांश लोग शिक्षित हैं, जिनके अंदर राष्ट्रभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी है। इसी भावना के चलते लोगों ने चिलचिलाती धूप में लाइन में लगकर वोट डाला। लोकपति त्रिपाठी का कहना है कि मुख्य मार्ग से गांव को जोडऩे के लिए चौड़ी सड़क बनाए जाने, बिजली की व्यवस्था दुरुस्त होने से मतदाताओं में वोट को लेकर काफी उत्साह रहा। दिव्या इस बार पहली बार वोट डालने बूथ पर गई थीं। कुलदीप की मानें तो जिले और क्षेत्र में हुए विकास कार्य को देखते हुए, आगे और विकास हो इसलिए लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। गीता देवी का कहना है कि मतदान के समय जातिवाद नहीं समझ में आया। पिछले चार साल से भ्रष्टाचार रोके जाने का जो काम सरकार ने किया है और आगे और अच्छा होगा इसीलिए तबीयत ठीक नहीं थी फिर भी वोट देने गईं। 

सड़क की समस्या हो दूर

परवेजाबाद के लोगों ने कहा कि वैसे तो गांव में कई समस्याएं हैं मगर लगभग डेढ़ किमी के लिंक मार्ग को दुरुस्त कराया जाना आवश्यक है। इसके अलावा कई हैंडपंप खराब हो गए हैं। नाली का भी निर्माण होना चाहिए। इसी तरह मसिका गांव में नाली का निर्माण पूरा नहीं हो सका है जिसे पूरा करने की गांव के लोगों ने मांग की है। दोनों गांवों में तालाब सूख गए हैं, जिससे मवेशियों को काफी दिक्कत हो रही है। तालाबों में पानी भरवाने की भी मांग की गई है। 

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